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गंगा जल से बेटे के पाप धो रही 97 वर्षीय मां, एसटीएफ ने मार गिराया था Prayagraj News

पार्वती के जीवन की मार्मिक कहानी है। बेटे श्‍योक पंडित को एसटीएफ ने मार गिराया था। तब पता चला था कि उनका बेटा अपराधी था। प्रायश्चित करने के लिए वह लोगों को गंगा जल प्रदान करती हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 18 Mar 2020 08:46 AM (IST)Updated: Wed, 18 Mar 2020 08:46 AM (IST)
गंगा जल से बेटे के पाप धो रही 97 वर्षीय मां, एसटीएफ ने मार गिराया था Prayagraj News
गंगा जल से बेटे के पाप धो रही 97 वर्षीय मां, एसटीएफ ने मार गिराया था Prayagraj News

प्रयागराज, [अंकुर त्रिपाठी]। एसटीएफ ने मार गिराया, तब पता चला कि बेटा अपराधी था। बेटे के पाप का प्रायश्चित बीते 15 साल से लोगों को गंगा जल देकर कर रही हैैं। 97 साल की इस मां के विरले संकल्प की अनोखी कहानी जो भी सुनता है, समझता है, सोच में पड़ जाता है। प्रयागराज के थानों और कोर्ट-कचहरी में गंगाजली लिए लोगों को प्रसाद बांटतीं दिख जाती हैैं। 

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मगर नियति ने पार्वती के नसीब में तकलीफेंं लिखी

दुर्बल हो चलीं पार्वती पांडेय ने सीने में गहरा दर्द छिपा रखा है। कभी इनका समृद्ध परिवार था, मगर नियति ने नसीब में तकलीफेंं भी लिख रखी थीं। पति की मौत हो गई, उसके बाद ऐसा भी दिन आया कि इकलौता बेटा अलग रहने लगा। जैसे तैसे यह दुख सहन कर रही थीं कि 2004 में पुलिस ने एक दिन दरवाजा खटखटाकर बताया कि उनका बेटा अपराधी था, एनकाउंटर में मारा गया है। बेटे की मौत और उसके अपराधी होने के दुख में वह टूट गईं। तब से वह रोज जिला मुख्यालय आकर लोगों को गंगा जल का पान कराकर बेटे के पाप का प्रायश्चित करने के साथ ही अपना दुख कम करने का प्रयास करती हैैं। 

खुशी के दिन लंबे नहीं चले

पार्वती से बात कीजिए तो वह अपनी जीवन गाथा बताती हैैं, लेकिन बेटे के बारे में जिक्र करने से बचने की कोशिश करती हैैं। वह मूल रूप से बिहार के भोजपुर की रहने वाली हैैं। परिवार बहुत पहले प्रयागराज आकर गंगा किनारे के मुहल्ले दारागंज में बस गया था। शिक्षा पूरी कर स्कूल में पढ़ाने लगी थीं। उसके बाद गाजीपुर में ब्याह हो गया। समृद्ध खानदान था उनका लेकिन खुशी के दिन लंबे नहीं चले। एक-एक कर उनके पिता, भाइयों के बाद पति का भी निधन हो गया। 

इकलौते बेटा श्लोक पंडित एनकाउंटर में मारा गया

इकलौते बेटे श्लोक पंडित के सहारे जी रही थीं, मगर 19 बरस का होते-होते वह भी अलग रहने लगा। महीने में एक दो बार मिलने आता था। इधर, पार्वती खुद का घर बेचकर रसूलाबाद के पास कांशीराम आवास योजना में बने घर में एक कमरा लेकर रहने लगीं। किसी तरह गुजारा होता रहा। 2004 के दिसंबर माह में एक रोज पुलिस वालों ने आकर बताया कि डॉ. कार्तिकेय शर्मा का अपहरण करने वाले उनके पुत्र श्लोक को वाराणसी में एसटीएफ ने मार दिया है। 

उन्होंने बेटे के पाप का प्रायश्चित करने का निर्णय लिया

इस खबर से उन्हें गहरा आघात लगा। बेटे पर कत्ल के कई आरोप की जानकारी के बाद तो उनका जीवन राग ही बदल गया। उन्होंने बेटे के पाप का प्रायश्चित करने का निर्णय लिया। उसी समय से वह रोज सुबह शिवकुटी घाट पर गंगा स्नान कर बेटे के किए पाप का प्रायश्चित करने लगीं। वहां मंदिर में पूजा अर्चना कर स्टील के छोटे डिब्बे में गंगा जल लेकर जिला मुख्यालय भी पहुंचती हैैं। यहां एसएसपी कार्यालय और कलेक्ट्रेट में अधिकारियों, कर्मचारियों और कचहरी में वकीलों को गंगा जल से आचमन कराकर प्रसाद देती हैैं। लोग श्रद्धा से गंगा जल ग्रहण कर उनका आशीर्वाद भी लेते हैैं। कोई पूछे तो कहती हैैं, हमें अपना दुख किसी को नहीं बताना, सब जन सुखी रहें बस...। 

एसएसपी के पेशकार भाष्‍कर को होता है सुखद एहसास

एसएसपी के पेशकार भाष्‍कर मिश्र ने कहा कि सहृदय पार्वती अम्मा गंगा जल से आचमन कराकर दुलार से सिर पर हाथ फेरती हैैं तो सुखद अहसास होता है। ऐसे उदाहरण बहुत कम देखने को मिलते हैैं, जब मां अपने बेटे के पाप का इस तरह प्रायश्चित कर रही हो। उनका आशीर्वाद मिलता रहे, वह स्वस्थ और दीर्घायु हों, यही कामना है। 

अधिवक्‍ता दिलीप पुरी ने कहा

अधिवक्‍ता दिलीप पुरी ने कहा कि अम्मा जी से अक्सर जिला कचहरी में आशीर्वाद और गंगा जल का प्रसाद मिलता है। अब तो यह है कि हम सभी लोग उनके आने का इंतजार भी करते हैैं। उनका अब कोई सहारा भी नहीं है, हम लोग ही थोड़ी बहुत मदद करते हैैं। 

सिपाही रोहित राय कहते हैं

सिपाही रोहित राय कहते हैं कि अम्मा जी को नहीं जानते, लेकिन वह आस्था का जल लेकर आती रहती हैैं। इससे उनके प्रति मेरी भी आस्था है कि इस रूप में मां का आशीष तो मिलता है। 


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