उद्यमिता से जुड़े प्रतिभागियों ने सात सरोकारों पर किया विमर्श
दैनिक जागरण की ओर से गोविंद बल्लभ पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान झूंसी में जनहित जागरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें उद्यमिता से जुड़े प्रतिभागियों ने सात सरोकारों पर विमर्श किया।
इलाहाबाद : दैनिक जागरण ने खबरों के साथ सामाजिक सरोकार की दिशा में भी बड़ा कदम बढ़ाया है। अपने सात सरोकारों पर आधारित विचार व बिजनेस प्लान को प्रस्तुत करने के लिए गोङ्क्षवद बल्लभ पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान झूंसी में जनहित जागरण कार्यक्रम में उद्यमिता से जुड़े कई प्रतिभागी एकत्रित हुए। दो कैटेगरी में प्रतिभागियों ने कई विषयों को सामाजिक उद्यमशीलता से जोड़ते हुए अपने विचारों (आइडिया या सोशल स्टार्ट अप प्लान) की प्रस्तुति दी। सिटी पिच इवेंट के दौरान संवाद भी हुए।
आइडिया प्रस्तुत करने वाले प्रशांत वर्मा ने कहा कि किसानों से सस्ते दर पर अनाज खरीदकर हम उसे लोगों को सस्ते दाम पर इंटरनेट के जरिए पहुंचा सकते हैं। संदीप गुप्ता ने कहा किसी भी उत्पाद को हम बेहतर बनाएंगे, तभी मांग बढ़ेगी। प्रवीण शुक्ला ने कंट्रक्शन टेक्नोलाजी पर आइडिया दिया। बताया कि जब हम पृथ्वी से मिट्टी निकालकर ईंट बनाते रहे तो खेती कहां करेंगे। हमने थर्माकोल पर आधारित उत्पाद तैयार किया है। इससे भवन बनाना सस्ता पड़ेगा। रितिका राय ने इको फ्रेंडली पर आइडिया प्रस्तुत किया। बताया कि पेंसिल बनाने के लिए पेड़ों को काटा जाता है। कागज से पेंसिल बनाने की विधि तैयार की है। यह लकड़ी से बनी पेंसिल से सस्ती होगी।
इन्होंने प्रस्तुत किए विचार :
व्यक्तिगत वर्ग :
तुषार चौधरी, दिनेश शुक्ला, नम्रता मौर्या, तौसीफ खान।
समूह वर्ग :
प्रशांत वर्मा, संदीप गुप्ता, विवेक कुमार, इशिका राय, उबैदुर्रहमान।
सिटी पिच में ये हुए चयनित :
नम्रता मौर्य, विवेक कुमार, तौसीफ खान, दिनेश शुक्ला और इशिका राय।
इन्होंने मारी बाजी :
नम्रता मौर्य पहला स्थान
विवेक कुमार दूसरा स्थान
तौसीफ खान तीसरा स्थान
विजेताओं को मिला नकद पुरस्कार :
दैनिक जागरण की ओर से प्रथम स्थान पाने वाले को 10 हजार, दूसरे को पांच हजार और तीसरा स्थान पाने वाले को तीन हजार रुपये नकद पुरस्कार दिया गया।
ज्यूरी में ये शामिल :
स्वाति सिंह, कृष्ण कुमार जायसवाल और जिग्ना।
देश में ऐसे एनजीओ हैं, जो अनुसूचित जाति, महिलाओं व बच्चों के लिए बेहतर काम कर रहे हैं। फिर भी सरकार की नजर में वह नहीं हैं। इन्हें प्रोत्साहित कर लोगों को लाभ पहुंचाना चाहिए।
-नम्रता मौर्या, शोध छात्रा जीबी पंत संस्थान
लोगों का स्किल डेवलपमेंट किया जाना चाहिए। इससे उनमें हुनर पैदा होगा। परंपरागत खेती की जगह किसानों को कामर्शियल खेती के लिए जनजागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए।
-विवेक कुमार सिंह
स्वदेशी उत्पाद को बेहतर बनाकर कम दाम में उपलब्ध करा सकते हैं। महिलाओं का समूह बनाकर कामर्शियल खेती के प्रति उनका रुझान बढ़ाया जा सकता है। इससे महिलाएं आत्म निर्भर होंगी।
-तौशीफ खान