CAA: नागरिकता संशोधन कानून के नाम पर सेंकी जा रही राजनैतिक रोटी Prayagraj News
विभाग संयोजक व छात्रनेता रजनीश सिंह रीशू ने कहा कि जो लोग देश में उपद्रव फैलाकर राजनैतिक रोटियां सेकना चाहते हैं ऐसे लोगों की विद्यार्थी परिषद निंदा करती है।
प्रयागराज,जेएनएन । नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थन में बुधवार को इविवि के डायमंड जुबली हॉस्टल और सर जीएन झा हॉस्टल में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की ओर से संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता एबीवीपी के काशी प्रांत के संगठन मंत्री विजय प्रताप ने कहाकि नागरिकता संशोधन कानून का विरोध वह लोग कर रहे हैं, जो देश की एकता व अखंडता पर प्रहार करना चाहते हैं।
सीएए के नाम पर विपक्षी दल राजनीति कर रहे
उन्होंने कहा कि वह खुद को महात्मा गांधी का तथाकथित विचारधारा का पोषक मानते हैं। उन्हें यह पता होना चाहिए कि महात्मा गांधी ने देश के बंटवारे के बाद कहा था कि यदि उस देश के अल्पसंख्यक वहां पीडि़त होंगे या भारत में पुन: आना चाहते हैं तो उन्हें नागरिकता देने की जिम्मेदारी भारत सरकार की होगी। अध्यक्षता करते हुए विभाग संयोजक व छात्रनेता रजनीश सिंह रीशू ने कहा कि जो लोग देश में उपद्रव फैलाकर राजनैतिक रोटियां सेकना चाहते हैं ऐसे लोगों की विद्यार्थी परिषद निंदा करती है। इविवि के विभाग सह संयोजक वीरेंद्र सिंह चौहान ने कहाकि सम्पूर्ण विश्व में जब कहीं भी हिंदुओं पर अत्याचार होता है तो भारत की तरफ आशा भरी नजरों से देखता है। अध्यक्षता परिषद के इविवि संयोजक अतेंद्र सिंह ने किया। इस दौरान अनुपम त्रिपाठी, आनंद सिंह निक्कू, आलोक त्रिपाठी, रुद्र पांडेय, आदर्श मोहन पांडेय, आदित्य प्रताप शुक्ल, अश्वनी मौर्य, अभिषेक शर्मा, पुष्कर मौर्य आदि मौजूद रहे।
छात्रों को दी गई सीएए व एनपीआर की जानकारी
सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, राजरूपपुर में बुधवार को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) की जानकारी छात्रों को दी गई। इन विषयों पर प्रधानाचार्य वागीश मिश्र ने विस्तारपूर्वक चर्चा की। उन्होंने बताया कि एनपीआर का सृजन एनआरआइसी तैयार करने की दिशा में पहला कदम है। सभी नागरिकों के लिए एनपीआर के तहत पंजीकरण करना अनिवार्य है। बताया कि पहले किसी व्यक्ति को भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए कम से कम पिछले 11 साल से यहां रहना अनिवार्य था, लेकिन इस नियम को आसान बनाकर नागरिकता हासिल करने की अवधि को कम किया गया है। इस मौके पर आचार्य श्याम, सोनिया, रेनू, अशोक, सुनीता, आंचल आदि उपस्थित रहीं।