मूल्यांकन और सत्यापन के बाद ही कुंभ कार्यों का होगा भुगतान
मंडलायुक्त ने मेला कार्योंं से संबंधित भुगतान की अफसरों के साथ की समीक्षा की। नगर निगम व पीडब्ल्यूडी द्वारा प्री-आडिट संबंधित अभिलेख समय से पूरा न करने पर जताई नाराजगी।
प्रयागराज : वित्तीय वर्ष खत्म होने के कारण प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने कुंभ मेला बजट में से बची रकम शासन को वापस कर दी है। हालांकि अभी कई विभागों का भुगतान होना बाकी है। इसके लिए शासन से फिर से बजट मांगा जा रहा है।
भुगतान से पहले परीक्षण का निर्देश
इस बीच मंडलायुक्त डॉ.आशीष गोयल ने अधिकारियों के साथ बैठक में मेला कार्योंं से संबंधित भुगतान करने के पहले वित्तीय नियमों के तहत कड़ाई से परीक्षण करने का निर्देश दिया है। उन्होंने भुगतान के पहले प्री-आडिट के कार्यों की विभागवार समीक्षा करने को भी कहा। नगर निगम और पीडब्ल्यूडी द्वारा प्री-आडिट संबंधित अभिलेख निर्धारित समय सीमा में न पूरा न करने पर नाराजगी जताई। हिदायत दी कि प्री-आडिट से संबंधित अभिलेखीय कार्रवाई समय से तथा संतोषजनक ढंग से पूरी न की गई तो इन विभागों की अगली किस्त का भुगतान नहीं किया जाएगा।
24 विभागों को 2657.47 करोड़ रुपये का भुगतान होना है
कुंभ मेला के कार्योंं के लिए पुलिस, प्रयागराज विकास प्राधिकरण, पीडब्ल्यूडी, नगर निगम, बिजली विभाग, जल निगम, स्वास्थ्य विभाग, सिंचाई बाढ़ नियंत्रण समेत 24 विभागों को 2657.47 करोड़ रुपये का भुगतान होना है। इसमें से आधे से ज्यादा का भुगतान हो भी चुका है। वित्तीय वर्ष खत्म होने के बाद इन दिनों कुंभ के कार्योंं का प्री-आडिट चल रहा है। बैठक में मंडलायुक्त ने कहा कि वित्तीय नियमों के अनुपालन से स्वीकृत धनराशि के सापेक्ष जो बचत सुनिश्चित हो रही है, उसकी सूचना तत्काल उपलब्ध कराई जाए, ताकि शासन को सूचित किया जा सके।
प्रमुख विभागों को होने वाला कुल भुगतान
विभाग रकम
पीडब्ल्यूडी 822.24 करोड़
पीडीए 266.04 करोड़
जल निगम 259.89 करोड़
बिजली 204.54 करोड़
नगर निगम 182.67 करोड़
सेतु निगम 119.83 करोड़
बाढ़ नियंत्रण 59.59 करोड़
स्वास्थ्य 59.18 करोड़
पुलिस 57.53 करोड़
सड़कों की होगी जांच, कमी मिलने पर कटेगी रकम
कुंभ मेला बजट समेत अन्य बजट से बनी सड़कों की जांच होगी। इसमें कमी मिलने पर भुगतान में कटौती भी की जाएगी। शुक्रवार को प्रयागराज मेला प्राधिकरण कार्यालय में बैठक के दौरान मंडलायुक्त ने कहाकि कुंभ मेला बजट तथा अन्य बजट से कराए गए कार्यों का गहन परीक्षण अवश्य किया जाए।