पीसीएस 2018 की मुख्य परीक्षा में कुछ अहम बदलाव, त्रुटि सुधार का मौका भी
उप्र लोकसेवा आयोग (यूपी पीएससी) के लिए आवेदन छह अगस्त तक होंगे। इसमें माइनस मार्किंग व त्रुटि सुधार का मौका भी होगा। जीआइसी प्रधानाचार्य का पद अब पीसीएस संवर्ग में होगा।
इलाहाबाद (जेएनएन)। सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा यानी पीसीएस परीक्षा 2018 के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। उप्र लोकसेवा आयोग (यूपी पीएससी) ने इसके लिए कुल 831 पद घोषित किए हैं। आवेदन छह अगस्त तक होंगे। इसमें 119 पद एसडीएम के हैं, हालांकि अन्य अधिकांश पद लोअर सबार्डिनेट के जोड़े गए हैं। परीक्षा यूपीएससी के पैटर्न पर होगी। प्रारंभिक परीक्षा में पीसीएस और एसीएफ (सहायक वन संरक्षक) के पेपर एक साथ होंगे, वहीं मुख्य परीक्षा अलग-अलग होगी।
मुख्य परीक्षा का बदला पैटर्न
पीसीएस 2018 की मुख्य परीक्षा में बदलाव हुआ है। इसे संघ लोकसेवा आयोग यानि यूपीएससी के पैटर्न पर कराया जाएगा। अब दो के बजाय वैकल्पिक विषय एक ही होगा। सामान्य अध्ययन के बहुविकल्पीय दो की जगह अब लिखित परीक्षा में चार पेपर होंगे। साक्षात्कार के नंबर 200 से घटाकर 100 कर दिए गए हैं। इससे पीसीएस की मुख्य परीक्षा का महत्व बढ़ेगा। साथ ही साक्षात्कार की आड़ में अभ्यर्थियों को अधिक नंबर देकर उन्हें अनुचित लाभ पहुंचाए जाने की शिकायतों को पर भी विराम लगेगा। गौरतलब है कि अभी तक पीसीएस परीक्षा में लिखित परीक्षा 1500 नंबर की और साक्षात्कार 200 नंबर के होते थे। अब लिखित परीक्षा 1500 अंकों की रहेगी लेकिन, इंटरव्यू में 100 नंबर घटने से चयन प्रक्रिया 1600 नंबरों में पूरी होगी।
प्रारंभिक परीक्षा में पीसीएस व एसीएफ का संयुक्त प्रश्नपत्र
यूपीएससी ने पीसीएस 2018 में दो अलग-अलग क्षेत्रों की प्रारंभिक परीक्षाएं एक साथ करा रहा है। प्रारंभिक परीक्षा में पीसीएस के साथ सहायक वन संरक्षक का पेपर भी होगा। यानि प्रश्नपत्र एक ही आएगा, वहीं इसकी मुख्य परीक्षा अलग-अलग होगी।
राजकीय इंटर कालेज के प्रधानाचार्य का पद अब पीसीएस संवर्ग का
यूपी पीएससी पहली बार पीसीएस में एक साथ इतने अधिक पदों पर परीक्षा करा रहा है। अब तक राजकीय इंटर कालेज के प्रधानाचार्य का पद सीधी भर्ती से भरा जाता रहा है, लेकिन यह पद अब पीसीएस संवर्ग का हो गया है। ज्ञात हो कि प्रधानाचार्य का पद बीएसए के समकक्ष होता है। इसके अलावा लोअर सबार्डिनेट के तमाम पदों को पीसीएस में जोड़ा गया है। मसलन, अधिशासी अधिकारी, आबकारी निरीक्षक, सप्लाई इंस्पेक्टर, श्रम प्रवर्तन अधिकारी सहित करीब एक दर्जन पद शामिल हुए हैं। ऐसे ही खाद्य सुरक्षा अधिकारी की अलग से परीक्षा होती रही है, वह पद भी अब पीसीएस से जुड़ गया है। इससे प्रतियोगियों को बार-बार इम्तिहान से मुक्ति मिलेगी।
मॉडल प्रश्नपत्र व मॉडल उत्तरकुंजी पर यूपी पीएससी मौन
यूपी पीएससी ने परीक्षा के पैटर्न पर बदलाव कर दिया है, लेकिन विज्ञापन के साथ मॉडल प्रश्नपत्र और मॉडल उत्तरकुंजी जारी नहीं की है। इससे प्रतियोगियों में उहापोह है कि सब्जेक्टिव इम्तिहान में प्रश्नों का जवाब कैसे और कितना बड़ा देना है। अवनीश पांडेय का कहना है कि यूपीएससी ने 2011 में परीक्षा का जब पैटर्न बदला था तो इम्तिहान टाला था ताकि प्रतियोगी तैयारी कर सकें। साथ ही विज्ञापन के साथ ये इंतजाम किए थे। यूपीपीएससी ने उसका अनुपालन नहीं किया है। हालांकि सचिव जगदीश ने कहा है कि जल्द ही मॉडल प्रश्नपत्र व उत्तरकुंजी जारी किए जाएंगे।
माइनस मार्किंग व त्रुटि सुधार का मौका भी
यूपी पीएससी ने इस परीक्षा में भी माइनस मार्किंग करने का नियम बरकरार रखा है। साथ ही पहली बार अभ्यर्थियों को आवेदन करने के बाद उसमें त्रुटि सुधार करने का भी मौका दिया जा रहा है। प्रतियोगी इसकी मांग लंबे समय से कर रहे थे।
विज्ञापन में ही गलती, पाठ्यक्रम भी अपडेट नहीं
यूपी पीएससी शायद अपनी गलतियों से सीख नहीं ले रहा है। पीसीएस 2017 की मुख्य परीक्षा में प्रश्नपत्र बदलने का प्रकरण चंद दिन पहले ही तूल पकड़ गया था। उसमें कहा गया कि ये प्रिटिंग प्रेस की गलती है। अब पीसीएस 2018 के विज्ञापन में प्रारंभिक परीक्षा का समय गलत प्रिंट हुआ है। लिखा है कि परीक्षा 3.30 बजे से 11.30 बजे तक होगी। इससे प्रतियोगी नाराज हैं। ऐसे ही ङ्क्षहदी के सेलेबस में इस बार भी तार लेखन को बरकरार रखा गया है, जबकि ये 2013 में ही खत्म हो चुका है। प्रतियोगियों का कहना है कि पत्र लेखन की कई अन्य विधियां है, लेकिन यूपी पीएससी सेलेबस अपडेट नहीं कर रहा है।
प्रारंभिक परीक्षा पर असमंजस
यूपीपीएससी ने दूसरी छमाही के कैलेंडर में पीसीएस 2018 की प्रारंभिक परीक्षा कराने की तारीख 19 अगस्त घोषित कर रखी है। पहले यह तारीख 24 जून तय थी। अब आवेदन लेने का सिलसिला अगस्त माह के पहले सप्ताह तक चलेगा, ऐसे में परीक्षा तारीख पर असमंजस बना है। हालांकि सचिव का कहना है कि इम्तिहान तय तारीख पर कराने की तैयारी है।