जिले में किराएदार एक लाख लेकिन सत्यापन किसी का नहीं
जिले में एक लाख से अधिक किराएदार रहते हैं। लेकिन पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि किसी भी किराएदार का सत्यापन नहीं है।
By Edited By: Published: Sat, 27 Apr 2019 07:20 AM (IST)Updated: Sat, 27 Apr 2019 11:03 AM (IST)
प्रयागराज : शिक्षा का केंद्र प्रयागराज में दूर-दराज से छात्र एवं छात्राएं यहां आते हैं। स्कूल-कॉलेजों के साथ ही डिग्री कॉलेजों, तकनीकी कॉलेजों व विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण करते हैं। जाहिर है कि उन्हें यहां रहने की भी व्यवस्था करनी पड़ती है। इसके लिए शहर में हॉस्टलों के अलावा लगभग हर इलाकों में काफी संख्या में लाज में भी रहते हैं। वहीं बाहर से आने वाले नौकरीपेशा लोग भी लाॅज व किराए के मकान में रहते हैं। हालांकि इन सभी का सत्यापन नहीं है।
सत्यापन के लिए मकान मालिकों को एक सप्ताह का अल्टीमेटम
किराएदार एक लाख से अधिक, लेकिन पुलिस सत्यापन एक का भी नहीं। यह हाल तब है, जब पुलिस लगातार निजी हॉस्टल, लॉज और मकानों पर छापेमारी कर रही है। मकान मालिकों को सख्त हिदायत भी दी जा रही है। इसके बावजूद पुलिस की सख्ती का असर नहीं दिख रहा है। फिलहाल मकान मालिकों को एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया गया है। इसके बाद मुकदमा दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
रोहित की हत्या के बाद उठे थे कानून-व्यवस्था पर सवाल
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पीबीसी हॉस्टल में 14 अप्रैल की रात पूर्व छात्र रोहित शुक्ला की सनसनीखेज ढंग से हत्या हुई थी। इस वारदात के बाद हाईकोर्ट ने पुलिस और विश्वविद्यालय प्रशासन को कड़ी फटकार लगाई थी। कानून-व्यवस्था पर सवाल उठने पर पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए हॉस्टलों से अवैध अंत:वासियों को बाहर कर दिया। माना जा रहा है कि आपराधिक प्रवृत्ति के छात्र हॉस्टल छोड़ने के बाद निजी हॉस्टल, लॉज व मकानों में शरण ले सकते हैं। इसी के तहत किराएदारों का पुलिस वेरीफिकेशन जरूरी बताते हुए अब कार्रवाई चल रही है।
अभी तक किसी ने नहीं किया था अमल
चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस के इस निर्देश पर किसी भी शख्स ने अमल नहीं किया है। जबकि दूसरे शहर से आकर तमाम अपराधी किराए पर ठहरे और बड़ी-बड़ी वारदात को अंजाम देकर भाग निकले हैं। जब पुलिस ऐसे शातिरों को पकड़ती है और उनकी बारे में जानकारी जुटाती है, तब मकान मालिक को पता चलता है। इसके बाद भी मकान मालिक सबक नहीं लेते हैं। फिलहाल एडिशनल एसपी श्रीशचंद्र का कहना है कि एक सप्ताह के बाद सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
सत्यापन के लिए मकान मालिकों को एक सप्ताह का अल्टीमेटम
किराएदार एक लाख से अधिक, लेकिन पुलिस सत्यापन एक का भी नहीं। यह हाल तब है, जब पुलिस लगातार निजी हॉस्टल, लॉज और मकानों पर छापेमारी कर रही है। मकान मालिकों को सख्त हिदायत भी दी जा रही है। इसके बावजूद पुलिस की सख्ती का असर नहीं दिख रहा है। फिलहाल मकान मालिकों को एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया गया है। इसके बाद मुकदमा दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
रोहित की हत्या के बाद उठे थे कानून-व्यवस्था पर सवाल
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पीबीसी हॉस्टल में 14 अप्रैल की रात पूर्व छात्र रोहित शुक्ला की सनसनीखेज ढंग से हत्या हुई थी। इस वारदात के बाद हाईकोर्ट ने पुलिस और विश्वविद्यालय प्रशासन को कड़ी फटकार लगाई थी। कानून-व्यवस्था पर सवाल उठने पर पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए हॉस्टलों से अवैध अंत:वासियों को बाहर कर दिया। माना जा रहा है कि आपराधिक प्रवृत्ति के छात्र हॉस्टल छोड़ने के बाद निजी हॉस्टल, लॉज व मकानों में शरण ले सकते हैं। इसी के तहत किराएदारों का पुलिस वेरीफिकेशन जरूरी बताते हुए अब कार्रवाई चल रही है।
अभी तक किसी ने नहीं किया था अमल
चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस के इस निर्देश पर किसी भी शख्स ने अमल नहीं किया है। जबकि दूसरे शहर से आकर तमाम अपराधी किराए पर ठहरे और बड़ी-बड़ी वारदात को अंजाम देकर भाग निकले हैं। जब पुलिस ऐसे शातिरों को पकड़ती है और उनकी बारे में जानकारी जुटाती है, तब मकान मालिक को पता चलता है। इसके बाद भी मकान मालिक सबक नहीं लेते हैं। फिलहाल एडिशनल एसपी श्रीशचंद्र का कहना है कि एक सप्ताह के बाद सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
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