Move to Jagran APP

World refugee day : अब हम शरणार्थी नहीं, पूरी तरह से भारतीय कहिए जनाब Prayagraj News

लगभग 68 वर्ष पहले 1952 में पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्ला देश) से आए 62 बंगभाषी परिवारों के लगभग तीन सौ सदस्यों को राजा दरभंगा की कोठी परिसर में शरण दिया गया था।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 20 Jun 2020 05:41 PM (IST)Updated: Sat, 20 Jun 2020 06:14 PM (IST)
World refugee day : अब हम शरणार्थी नहीं, पूरी तरह से भारतीय कहिए जनाब Prayagraj News

प्रयागराज,जेएनएन। जी हां, हमें शरणार्थी मत कहिए, हम तो अब भारतीय हैं। हमारे पूर्वज तो भारत के ही थे। यह अलग बात है कि भारत-पाकिस्तान बंटवारे में वो लोग पाकिस्तान के हिस्से में हो गए थे। हालांकि, बंटवारा के बाद ही वहां मारकाट मच गई थी, कत्लेआम हो रहा था, तब पूर्वज जान बचाकर भारत आए थे। भारत ने न सिर्फ शरण दिया, बल्कि नागरिकता भी दी। यही नहीं भरण-पोषण के लिए सरकारी नौकरी भी दी गई थी। इसलिए अब खुद को भारतीय कहने में कत्तई गुरेज नहीं रखते बल्कि हम लोग भारतीय होने पर गर्व करते हैं।

loksabha election banner

 ये बातें शहर की रिफ्यूजी कॉलोनी में रहने वाले लोगों की हैं।

68 वर्ष पहले यहां आए तो यहीं के रह गए

विश्व शरणार्थी दिवस 20 जून यानी शनिवार को बातचीत में आलोक बनर्जी, निशांत चटर्जी, बंटी मुखर्जी, भूषण चटर्जी का कहना है कि भारत सरकार ने उन्हेंं हर सहूलियत दी। लगभग 68 वर्ष पहले 1952 में पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्ला देश) से आए 62 बंगभाषी परिवारों के लगभग तीन सौ सदस्यों को राजा दरभंगा की कोठी परिसर में शरण दिया गया था। पूर्वी पाकिस्तान जो अब बांग्ला देश बन चुका है से काफी संख्या में लोग जान बचाकर भारत आ रहे थे।

भारत में नहीं है कोई दिक्‍कत

वर्ष 1952-53 में प्रयागराज आने वाले शरणार्थी परिवारों की संख्या छह सौ पार कर गई थी, जिनके सदस्यों की संख्या लगभग दो हजार थी। अभ्युदय मजूमदार ने बताया कि उनके ग्रैंड फादर की हत्या के बाद बुआ, पापा को लेकर ग्रैंड मदर किसी तरह भारत पहुंची थीं। पहले कुछ दिन बिहार फिर प्रयागराज आईं। तब भारत सरकार ने उन्हें बसाया और राजकीय मुद्रणालय में नौकरी दी थी। विश्वजीत चटर्जी का कहना है कि उनके पिता कई बार तब के हालातों की चर्चा कर चुके हैं। भारत में उन्हेंं किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं हुई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.