Coronavirus को दी मात, अब जल्द ही सपने को पूरा करने जाएंगे परदेश Prayagraj News
अब स्वस्थ होकर परिवार के साथ रह रहा है। नरेंद्र का कहना है कि जिले में रोजगार न मिलने के कारण सपना पूरा करने के लिए वह जल्द ही वापस जोधपुर जाएगा।
प्रयागराज, जेएनएन। जिले में खुद का कारोबार शुरू करने का सपना लेकर परदेस गए युवक को यह मालूम नहीं था कि उसे कोरोना वायरस के संक्रमण से जूझना पडेगा। लॉकडाउन के बाद कारखाना बंद होने के बाद तमाम तरह के संकट का सामना करना पडा लेकिन उसका हौसला नहीं टूटा। वह कई दिन का सफर तय कर वह गांव पहुंचा तो उसे क्वारंटाइन में रहना पडा। जांच में उसे कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई तो इसके बाद भी वह मजबूत इरादे से नहीं डिगा। उसकी हिम्मत और जज्बे के आगे कोरोना वायरस की बीमारी को हारना पडा। अब वह स्वस्थ है और घरवालों के साथ रह रहा है। जल्द ही वापस राजस्थान के जोधपुर जाकर अपने सपने को पूरा करने के लिए बिल्डिंग कारखाने में काम करेगा। उसका सपना है कि वह अपने जिले में खुद का कारखाना लगाए।
बिल्डिंग कारखाना में करता था काम
सिराथू तहसील क्षेत्र के पचांभा गांव निवासी नरेंद्र राजस्थान के जोधपुर में स्टील बिल्डिंग कारखाने में काम करता था। नरेंद्र के मुताबिक, वह शहर की कमाई से जिले में एक कारखाना खोलने का सपना संजोए था, लेकिन कोरोना वायरस ने सभी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। लॉकडाउन में फैक्ट्री व कारखाना बंद होने के बाद नरेंद्र को जोधपुर में काफी दिक्कत हुई। घर पहुंचने के लिए कई बार साधन बदलना पड़ा। करीब 50 किलोमीटर का सफर पैदल ही तय करना पड़ा। फतेहपुर और कौशांबी के बॉर्डर कनवार पहुंचा तो पुलिस ने रोक कर थर्मल स्क्रीनिंग कराई। इसके बाद गांव के प्राथमिक विद्यालय में क्वारंटाइन किया गया। वहां बुखार की शिकायत हुई तो जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग ने सैंपल भेजा। पांच अपैल को रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद इलाज के लिए प्रयागराज में भर्ती कराया गया। अब स्वस्थ होकर परिवार के साथ रह रहा है। नरेंद्र का कहना है कि जिले में रोजगार न मिलने के कारण सपना पूरा करने के लिए वह जल्द ही वापस जोधपुर जाएगा।