जितना प्रयोग करेंगे पानी उतना देना होगा बिल, घरों में लगेगा पानी का मीटर
जलकल विभाग अब घरों में पानी का मीटर लगाने की तैयारी में है। अब जितना अधिक पानी खर्च करेंगे उतना ही अधिक बिल देना पड़ेगा।
By Edited By: Published: Wed, 17 Apr 2019 09:59 AM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2019 11:46 AM (IST)
प्रयागराज : कुछ लोगों को पानी का महत्व नहीं पता है। वह घरों में पानी की टोटी खोले रहते हैं तो बाग-बगीचों के साथ गली भी धोते हैं। यानी कुल मिलाकर पानी की बर्बादी भी होती है। दूसरी ओर कहीं लोग बूंद-बूंद पानी को तरसते हैं। अब पानी जितना इस्तेमाल करेंगे तो उतना ही बिल भी देना पड़ेगा। क्योंकि घरों में पानी का मीटर लगाए जाने की तैयारी हो रही है।
जेएनएनयूआरएम के अंतर्गत घरों में पानी का मीटर लगेगा
पानी का बेतहाशा इस्तेमाल करने वाले लोगों को आने वाले दिनों में इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। क्योंकि जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण योजना (जेएनएनयूआरएम) के अंतर्गत घरों में पानी का मीटर लगने जा रहा है। लोग जितना पानी खर्च करेंगे, उनको उतना बिल देना होगा। घरों में मीटर लगने से पानी की बर्बादी पर अंकुश लगेगा। साथ ही जलकल विभाग का राजस्व भी बढ़ेगा।
30 फीसद पानी वेस्टेज हो जाता है
शहर में चरणबद्ध तरीके से 1,74,369 घरों में मीटर लगाए जाएंगे। अभी तक शहर में ट्यूबवेलों और यमुना नदी से कुल 360 एमएलडी पानी की आपूर्ति होती है। घरों में मीटर न होने के कारण काफी मात्रा में पानी की बर्बादी भी होती है। जलकल विभाग द्वारा की जाने वाली जलापूर्ति का 30 फीसद पानी वेस्टेज हो जाता है। इस पर अंकुश लगाने के लिए एक दशक पहले जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण योजना (जेएनएनयूआरएम) के अंतर्गत पानी के मीटर लगाने की तैयारी की गई थी, लेकिन यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई थी। अब उसके लिए रकम मिल चुका गई है।
घरों में मीटर लगाने का जिम्मा जल निगम को सौंपा गया
घरों में पानी का मीटर लगाने का जिम्मा जल निगम को सौंपा गया है। देखरेख, मीटर रीडिंग की जिम्मेदारी ठेकेदार की : योजना की शर्ते के अनुसार मीटर लगाने वाले ठेकेदार को पांच साल तक उसकी मरम्मत करनी होगी। उसे ही मीटर रीडिंग करके बिल भी जारी करना होगा। जलकल विभाग के महाप्रबंधक राधे श्याम सक्सेना का कहना है कि शहर में हर रोज 100 एमएलडी (मीलियन लीटर प्रतिदिन) से ज्यादा पानी बर्बाद होता है। मीटर लगने पर इस पर अंकुश लगेगा। चुनाव के बाद तेजी से मीटर लगाए जाएंगे। स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत स्मार्ट मीटर भी लगेंगे।
जेएनएनयूआरएम के अंतर्गत घरों में पानी का मीटर लगेगा
पानी का बेतहाशा इस्तेमाल करने वाले लोगों को आने वाले दिनों में इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। क्योंकि जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण योजना (जेएनएनयूआरएम) के अंतर्गत घरों में पानी का मीटर लगने जा रहा है। लोग जितना पानी खर्च करेंगे, उनको उतना बिल देना होगा। घरों में मीटर लगने से पानी की बर्बादी पर अंकुश लगेगा। साथ ही जलकल विभाग का राजस्व भी बढ़ेगा।
30 फीसद पानी वेस्टेज हो जाता है
शहर में चरणबद्ध तरीके से 1,74,369 घरों में मीटर लगाए जाएंगे। अभी तक शहर में ट्यूबवेलों और यमुना नदी से कुल 360 एमएलडी पानी की आपूर्ति होती है। घरों में मीटर न होने के कारण काफी मात्रा में पानी की बर्बादी भी होती है। जलकल विभाग द्वारा की जाने वाली जलापूर्ति का 30 फीसद पानी वेस्टेज हो जाता है। इस पर अंकुश लगाने के लिए एक दशक पहले जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण योजना (जेएनएनयूआरएम) के अंतर्गत पानी के मीटर लगाने की तैयारी की गई थी, लेकिन यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई थी। अब उसके लिए रकम मिल चुका गई है।
घरों में मीटर लगाने का जिम्मा जल निगम को सौंपा गया
घरों में पानी का मीटर लगाने का जिम्मा जल निगम को सौंपा गया है। देखरेख, मीटर रीडिंग की जिम्मेदारी ठेकेदार की : योजना की शर्ते के अनुसार मीटर लगाने वाले ठेकेदार को पांच साल तक उसकी मरम्मत करनी होगी। उसे ही मीटर रीडिंग करके बिल भी जारी करना होगा। जलकल विभाग के महाप्रबंधक राधे श्याम सक्सेना का कहना है कि शहर में हर रोज 100 एमएलडी (मीलियन लीटर प्रतिदिन) से ज्यादा पानी बर्बाद होता है। मीटर लगने पर इस पर अंकुश लगेगा। चुनाव के बाद तेजी से मीटर लगाए जाएंगे। स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत स्मार्ट मीटर भी लगेंगे।
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