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अब पुलिस अधिकारियों को रजिस्टर में दर्ज करना होगा निर्देश व सुझाव, मौखिक निर्देश नहीं चलेगा

पुलिस अधिकारियों की ओर से समय-समय पर अलग-अलग थाने व पुलिस चौकी का निरीक्षण किया जाता है। वहां पाई जानी वाली खामियों और अव्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए निर्देश भी दिए जाते हैं मगर इसका कोई रिकार्ड नहीं रहता है। अब इसमें सुधार की कवायद शुरू की गई है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 24 Nov 2021 12:20 PM (IST)Updated: Wed, 24 Nov 2021 12:20 PM (IST)
अब पुलिस अधिकारियों को रजिस्टर में दर्ज करना होगा निर्देश व सुझाव, मौखिक निर्देश नहीं चलेगा
थाने का निरीक्षण कर मौखिक निर्देश देने पर होगी प्रतिकूल प्रविष्टि की कार्रवाई।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। पुलिस थानों का औचक निरीक्षण कर मौखिक निर्देश देने की शिथिल कार्यशैली पर नकेल कसनी शुरू हो गई है। अब एसएसपी, एसपी, एडिशनल एसपी, सीओ को निरीक्षण के दौरान थानाध्यक्ष को दिए गए निर्देश व सुझाव को बाकायदा रजिस्टर में अंकित करना होगा। ऐसा न करने की स्थिति में उनके विरुद्ध प्रतिकूल प्रविष्टि की जाएगी। इस संबंध में आइजी रेंज की ओर से चारों जिले के पुलिस अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं।

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पुलिस अधिकारियों के निरीक्षण के बाद दिए गए निर्देश का नहीं रहता रिकार्ड

दरअसल, पुलिस अधिकारियों की ओर से समय-समय पर अलग-अलग थाने व पुलिस चौकी का निरीक्षण किया जाता है। वहां पाई जानी वाली खामियों और अव्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए निर्देश भी दिए जाते हैं, मगर इसका कोई रिकार्ड नहीं रहता है। अब इसमें सुधार की कवायद शुरू की गई है।

अपराध न होने पर भी थानों का निरीक्षण

आइजी की ओर से बनाई गई इस नई व्यवस्था में उन्हें निरीक्षण के उपरांत अपनी ओर से दिए गए निर्देश व सुझाव को रजिस्टर में दर्ज करना होगा। ताकि उनके निर्देश पर कितना अमल थानेदार और वहां के पुलिसकर्मियों ने किया है, इसकी परख हो सके। अपराध न होने पर भी थानों के निरीक्षण करने का नियम है।

थानेदार पर रजिस्टर अपटेड करने की होगी जिम्मेदारी

सभी पुलिस थानों पर अलग-अलग रजिस्टर होते हैं। जैसे रजिस्टर नंबर चार अपराध से संबंधित होता है। इसमें प्रत्येक मुकदमे के वादी, प्रतिवादी, घटनास्थल, दिनांक, समय जैसे कई तथ्य अंकित रहते हैं। इसी तरह मालखाना, कार्यालय व अन्य के रजिस्टर होते हैं। सभी रजिस्टर की उपयोगिता व महत्व होता है, लेकिन इनकी भूमिका को नजर अंदाज किया जा रहा है। इसको लेकर भी आइजी ने थानेदारों को सख्त निर्देश देते हुए उन्हें अपडेट करने की जिम्मेदारी दी है। साथ ही हर माह इसकी समीक्षा करने के लिए भी कहा है।

आधुनिक पुलिसिंग में परंपरागत के समावेश पर जोर

मौजूदा समय में पुलिसिंग भी आधुनिक हुई है। सीडीआर, सीसीटीवी फुटेज जैसे कई वैज्ञानिक साक्ष्य अब मुकदमे में शामिल किए जाने लगे हैं। हालांकि आधुनिक पुलिसिंग के बीच परंपरागत पुलिसिंग के समावेश पर भी जोर दिया जा रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए आइजी की ओर से थानों के रजिस्टर अपडेट करने से लेकर अधिकारियों के निरीक्षण शैली में बदलाव की कवायद की जा रही है।

जानें, आइजी रेंज ने क्‍या निर्देश दिया है

आइजी रेंज डाक्‍टर आरके सिंह कहते हैं कि थाने का निरीक्षण करने वाले अधिकारियों को अब रजिस्टर में अंकित करना होगा कि उन्हें कैसी व्यवस्था मिली। खामियों को दूर करने के संबंध में उनकी ओर से सुझाव, निर्देश लिखित रूप से देना होगा।


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