...ये है प्रयागराज का 'समया माई का पार्क', यहां कभी बच्चे खेलते थे और बुजुर्ग टहल कर बनाते थे अपनी सेहत
प्रयागराज के कटरा स्थित समया माई पार्क का निर्माण उच्च न्यायालय के निर्देश पर प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने कराया था। धीरे-धीरे पार्क रखरखाव के अभाव में बदहाली की ओर बढ़ गया। आज हालात यह है कि पार्क की सफाई न होने से गंदगी का ढेर जगह जगह लगा रहता है।
प्रयागराज, जेएनएन। यह वही पार्क है जहां कभी बच्चों की मौजूदगी में चहल-पहल रहती थी। यहां बच्चे खेलते थे और बुजुर्ग सुबह और शाम टहल कर अपनी सेहत बनाते थे। अब यह पार्क दुर्दशा का शिकार हो गया है। जी हां, हम बात कर रहे हैं कटरा स्थित समया माई मंदिर के पार्क की। इसे समया माई का पार्क भी कहते हैं। इस पार्क की व्यवस्थाएं देखरेख के अभाव में एकदम चौपट हो गई हैं। बिजली पानी और साफ सफाई की व्यवस्था न होने से न बच्चे इस पार्क में खेल सकते हैं और नहीं बड़े-बुजुर्ग सुबह शाम टहल घूम सकते हैं। स्थानीय नागरिकों ने इस पार्क की बदहाली की तरफ कई बार संबंधित विभाग के अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया लेकिन पार्क की दुर्दशा में कोई सुधार नहीं हुआ।
उच्च न्यायालय के निर्देश पर पीडीए ने पार्क बनवाया था
इस पार्क का निर्माण कई साल पहले उच्च न्यायालय के निर्देश पर प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने कराया था। धीरे-धीरे पार्क रखरखाव के अभाव में बदहाली की ओर बढ़ गया। आज हालात यह है कि पार्क की सफाई न होने से गंदगी का ढेर जगह जगह लगा रहता है। इस पार्क की बिजली करीब 6 महीने से कटी है, जो बिल जमा न होने के कारण अब तक जुड़ नहीं सकी। पार्क में लगे पेड़-पौधों की सिंचाई के लिए जो न लगे थे, उनकी टोटियां आदि टूट गई हैं। इससे पेड़ पौधों की सिंचाई भी नहीं हो पाती है, जिसके अभाव में पेड़ पौधे सूखते जा रहे हैं। सबसे बड़ी समस्या समया माई मंदिर के ऊपर के रास्ते से पार्क में लोगों के आने जाने के कारण होती है।
बोले, हाई कोर्ट के अधिवक्ता
हाई कोर्ट के अधिवक्ता एसके गर्ग का कहना है कि इस पार्क का निर्माण करीब 41 लाख रुपये की लागत से हुआ था लेकिन पार्क आज बदहाली का शिकार हो गया। पार्क की दुर्दशा में सुधार करने के लिए विभाग आगे नहीं आ रहा है। इससे स्थानीय लोगों को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
सफाई व्यवस्था चौपट
मंदिर के आसपास की सफाई व्यवस्था चौपट है। नियमित सफाई न होने के कारण सड़कों और गलियों में कूड़े का ढेर लगा रहता है। कूड़े से उठने वाली दुर्गंध से आसपास के लोगों का जीना भी मुश्किल रहता है। स्थानीय लोगों की मानें तो नगर निगम के सफाई कर्मचारियों के नियमित सफाई न करने के कारण समस्या गंभीर है।