अब ई-कॉमर्स ऑपरेटर भी पांच फीसद भरेंगे टीडीएस Prayagraj News
यह वस्तुएं भी बेच रहे थे और अन्य सेवाएं भी दे रहे थे। यहां तक कि ई-कॉमर्स ऑपरेटर लॉ अकाउंटिंग एवं इंजीनियरिंग फर्मों को भी साधा था लेकिन भुगतान करते समय टीडीएस नहीं जमा करते थे।
प्रयागराज,जेएनएन। खुदरा कारोबारियों को राहत देने के लिए और ई-कॉमर्स ऑपरेटरों पर शिकंजा कसने के लिए सरकार ने इन्हें आयकर की जद में खड़ा कर दिया है। अब ई-कॉमर्स आपरेटर पांच फीसद टैक्स डिडक्टेड ऐट सोर्स यानी टीडीएस जमा करेंगे। अगर आपूर्तिकर्ता के पास पैनकार्ड अथवा आधार नहीं होगा तो यह धनराशि दो गुनी यानी 10 फीसद हो जाएगी।
भुगतान करते समय नहीं जमा करते थे टीडीएस
दरअसल, ई-कॉमर्स ऑपरेटरों का मोबाइल एप के जरिए एक जाल फैला था। खाना घर पहुंचाने से लेकर मनोरंजन, पिक्चर, यात्रा के टिकट यहां तक की यूटिलिटी बिल का भुगतान भी इनके माध्यम से होता था। यह वस्तुएं भी बेच रहे थे और हर तरह की सेवाएं भी दे रहे थे। यहां तक कि ई-कॉमर्स ऑपरेटर लॉ अकाउंटिंग एवं इंजीनियरिंग फर्मों को भी साध (संबद्ध) रखा था लेकिन भुगतान करते समय टीडीएस नहीं जमा करते थे। इसलिए सरकार को यह पता नहीं हो पाता था, कि कितना इन लोगों ने भुगतान प्राप्त किया और कितने को भुगतान किया।
खुदरा व्यापारियों को हो रहा था नुकसान
यही नहीं इनके द्वारा दी इंसेंटिव से खुदरा व्यापारियों को भी चोट पहुंच रही थी। इसके मद्देनजर केंद्र सरकार ने ई-कॉमर्स ऑपरेटरों को आपूर्तिकर्ता को भुगतान करते समय पांच फीसद टीडीएस करने का प्रावधान कर दिया। कर एवं वित्त सलाहकार डॉ. पवन जायसवाल के मुताबिक ई-कॉमर्स ऑपरेटरों को सेवाएं मुहैया कराते थे लेकिन टीडीएस नहीं करते थे। कारोबार के बारे में सरकार को जानकारी नहीं होती थी। खुदरा कारोबारियों को भी नुकसान होता था। अब ई-कॉमर्स ऑपरेटरों को सूचना आयकर विभाग को ऑनलाइन देना होगी।