अब डेनमार्क में पलेगा आठ साल का दिव्यांग मुन्नू, Prayagraj के राजकीय बाल शिशु गृह में आठ साल से था बच्चा
यह बच्चा छह दिन का था तब ॉ2013 में लाया गया था। बलिया के चाइल्ड लाइन से उसे भेजा गया था। जब बच्चा यहां आया तो उसके दोनों पैर कटे हुए थे और एक हाथ की अंगुली भी कटी थी। बच्चे का यहां इलाज कराया गया। अब वह स्वस्थ है।
प्रयागराज, जेएनएन। जन्म के बाद से ही राजकीय बाल शिशु गृह में पल रहा आठ साल का दिव्यांग बालक मुन्नू अब डेनमार्क में अपना जीवन बिताएगा। गुरुवार को राजकीय बाल शिशु गृह ने उस बच्चे को डेनमार्क के दंपती को सौंप दिया। दोपहर बाद बच्चे को विदाई दी गई।
गोद लेने वाले दंपती पेशे से चिकित्सक
जिस बच्चे को गोद लिया गया है, वह छह दिन का था तब यहां 2013 में लाया गया था। बलिया के चाइल्ड लाइन से उसे यहां भेजा गया था। जब बच्चा यहां आया तो उसके दोनों पैर कटे हुए थे और एक हाथ की अंगुली भी कटी थी। बच्चे का यहां इलाज कराया गया। अब वह स्वस्थ है। इस बच्चे को डेनमार्क के डाक्टर दंपती ने गोद लेने की इच्छा जताई थी। दंपती ने सारा (सेंट्रल एडाप्शन रिसोर्स अथारिटी) के जरिए आवेदन किया था। डॉक्टर दंपती के बच्चे नहीं हैं। वह दिव्यांग बच्चे को गोद लेना चाहते थे। इसके लिए वह पिछले दस साल से इंतजार कर रहे थे। प्रयागराज में वैसा बच्चा मिलने पर उन्हें सौप दिया गया। गोद लेने की कागजी प्रक्रिया एक साल पहले ही पूरी हो गई थी, लेकिन कोरोना वायरस महामारी फैलने के चलते दंपती अब आ सके हैं। इस दौरान राजकीय बाल शिशु गृह से बच्चे की वीडियो कालिंग कराई जाती रही। बच्चा नए घर में जाने के लिए खुश था।
स्पेन के भी दंपती ने गोद ली है यहां से एक बच्ची
प्रोबेशन अधिकारी पंकज मिश्रा ने बताया कि बच्चे को चिकित्सक दपती को सौंप दिया गया है। बच्चा उनके साथ जाने को इच्छुक था। बच्चा लेने के बाद वह प्रयागराज के एक होटल में रुके हुए है। सोमवार को यहां से रवाना होंगे। उन्होंने बताया कि अब तक पांच बच्चों को गोद दिया जा चुका है। इसमें से एक बच्ची को स्पेन के दंपती भी गोद ले चुके हैं। वह बच्ची तीन दिन पहले ही यहां से ले जाई गई है।