आसान नहीं कंप्यूटरीकरण और ऑनलाइन टैक्स व्यवस्था लागू करना
जिला पंचायत में ऑनलाइन टैक्स व्यवस्था और कंप्यूटरीकरण होना आसान नहीं दिख रहा है। अभी कवायद नहीं शुरू की गई है।
प्रयागराज : जिला पंचायत में कंप्यूटरीकरण और ऑनलाइन टैक्स व्यवस्था लागू करना आसान नहीं है। अभी इस दिशा में विभाग की ओर से कोई कवायद शुरू नहीं हुई है। वहीं, अगर ऑनलाइन व्यवस्था लागू हो भी गई तो करदाताओं द्वारा इसमें दिलचस्पी लेने की उम्मीद बहुत कम है। वजह ज्यादातर करदाता ग्रामीण क्षेत्र के दुकानदार हैं।
डीएम सुहास एलवाई ने सात दिसंबर को जिला पंचायत का औचक निरीक्षण किया था। ज्यादातर अभिलेख उन्हें हाथ से लिखे मिले थे, तब उन्होंने अपर मुख्य अधिकारी आरएन सिंह को तत्काल कंप्यूटर खरीदने के निर्देश दिए थे। कहा था कि सभी अभिलेख कंप्यूटराइज्ड होने चाहिए। हालांकि, इसके लिए विभाग को कितने कंप्यूटरों की जरूरत होगी, इसका आकलन नहीं हो सका है। डीएम ने टैक्स व्यवस्था, लाइसेंस प्रक्रिया और अभिलेखों को ऑनलाइन करने के अलावा सभी लाइसेंसों को चार दिन के अंदर आटो रिन्यूवल करने के भी निर्देश दिए थे। हालांकि इस दिशा में भी कवायद शुरू नहीं हुई।
तैयार करानी होगी वेबसाइट
ऑनलाइन व्यवस्था के लिए वेबसाइट जरूरी है। वेबसाइट तैयार कराने के लिए एजेंसी का चयन करना पड़ेगा। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया और फिर सॉफ्टवेयर तैयार करने में भी काफी वक्त लग सकता है। वहीं ग्रामीण दुकानदारों के ऑनलाइन टैक्स जमा करने को लेकर सवाल उठ रहे हैं। अपर मुख्य अधिकारी कहते हैं कि सभी पटल सहायकों को कंप्यूटर मुहैया कराया जाएगा। ऑनलाइन सुविधा के लिए वेबसाइट भी जल्द तैयार कराई जाएगी।
लक्ष्य से ज्यादा टैक्स वसूली
इस वित्तीय वर्ष के लिए शासन ने 9.1 करोड़ रुपये टैक्स वसूली का लक्ष्य रखा था। पिछले महीने तक 10.54 करोड़ रुपये टैक्स वसूली के दावे किए गए।
भट्ठा मालिक ले लें लाइसेंस
भट्ठा मालिकों को खनन और प्रदूषण प्रमाण पत्र प्राप्त करते हुए जिला पंचायत से लाइसेंस लेने के निर्देश दिए गए हैं।