सभी बुखार डेंगू नहीं होता, वायरल बीमारियों में भी तेजी से घटती है प्लेटलेट, जानें डाक्टरों की राय
स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय के सीनियर फिजीशियन डा. मनोज माथुर कहतेे हैं कि कई बार वायरल बुखार जैसे मलेरिया टाइफाइड कैंसर में भी प्लेटलेट्स तेजी से घटता है। हां यहां यह बात जानने योग्य है कि डेंगू होने पर प्लेटलेट्स में कमी सबसेे अधिक होती है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। इन दिनों वायरल बुखार का दौर चल रहा है। कब किस घर में कौन बीमार हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता। आमतौर पर पैथालाजी से कराई गई जांच में बुखार पीड़ितों की प्लेटलेट्स घटी हुई पाई जा रही है, इससे लोग डेंगू की आशंका जताकर घबरा जाते हैं। चिकित्सक कहते हैं कि केवल डेंगू ही नहीं, अन्य साधारण बुुखार में भी प्लेटलेट्स घटती है इसलिए डेंगू की जांच के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचें।
डेंगू के रोगियों में तेजी से घटती है प्लेटलेट्स : डा. मनोज माथुर
स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय के सीनियर फिजीशियन डा. मनोज माथुर कहतेे हैं कि कई बार वायरल बुखार जैसे मलेरिया, टाइफाइड, कैंसर में भी प्लेटलेट्स तेजी से घटता है। हां यहां यह बात जानने योग्य है कि डेंगू होने पर प्लेटलेट्स में कमी सबसेे अधिक होती है। साधारण बुखार होने पर प्लेटलेट्स यदि 60 हजार के आसपास भी आ जाए तो ज्यादा चिंता वाली बात नहीं होती। दवाओं के जरिए इसे स्थिर करते हुए बढ़ाया जा सकता है लेकिन डेंगू की जांच जरूर कराएं। क्योंकि इससे भी कम अगर प्लेटलेट्स हुई तो गंभीर चिंता करनी चाहिए और डाक्टर से संपर्क जरूर करें।
20 हजार से कम होने पर ही प्लेटलेट्स चढ़ाया जाता है : डा. संतोष
डाक्टर संतोष चौधरी कहते हैं कि 20 हजार से कम संख्या होने पर या शरीर के किसी हिस्से से रक्त निकलने पर प्लेटलेट्स चढ़ानी चाहिए। कहा कि 98 फीसद डेंगू मरीजों में प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत नहीं पड़ती। एहतियात बरत कर ही बचाव किया जा सकता है।
ऐसे भी बढ़ा सकतेे हैं प्लेटलेट्स
-नींबू पानी पिएं।
-पानी दिन भर में करीब पांच लीटर पिएं।
-अधिक से अधिक तरल पदार्थ का सेवन करें।
-दिन में तीन बार दूध के साथ हल्दी का सेवन करें।
-पपीते के पत्ते का रस बनाएं और उसका सेवन करें।
प्लेटलेट्स की तेजी से बढ़ी मांग
सरकारी और प्राइवेट ब्लड बैंकों में प्लेटलेट्स की मांग इन दिनों तेजी से बढ़ी है। इसके लिए वैसे तो डोनर की आवश्यकता पड़ती है लेकिन तमाम लोग बिना डोनर के भी प्लेटलेट्स प्राप्त कर रहे हैं। इससे ब्लड बैंकों का खजाना खाली हो रहा है और अन्य जरूरतमंदों को समय पर प्लेटलेट्स नहीं मिल पा रही है।