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प्रयागराज शहर में अब नहीं दिखेगा बिजली के लटकते तारों का मकड़जाल, पुराने खंभे भी होंगे दरकिनार

तारों के मकड़जाल और पुराने खंभों की वजह से दुर्घटना का भी खतरा बना रहता है। अक्सर तार टूटने की घटनाएं भी सामने आती रहती हैं। वहीं पुराने इलाके के लोग बिजली के जर्जर खंभों को हटवाने के लिए समय-समय पर आवाज उठाते रहते हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 08:33 AM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 08:33 AM (IST)
प्रयागराज शहर में अब नहीं दिखेगा बिजली के लटकते तारों का मकड़जाल, पुराने खंभे भी होंगे दरकिनार
बिजली के जर्जर खंभों को हटवाने के लिए समय-समय पर आवाज उठाते रहते हैं।

प्रयागराज,जेएनएन। शहर में बिजली के तारों का कई जगह ऐसा मकड़जाल है कि समझ में ही नहीं आता कि किसका कनेक्शन कहां से है। सबसे खराब हालात पुराने शहर की है। यहां तो तारों का जाल है। कोई भी गड़बड़ी आने पर एक घंटे से अधिक समय तो इन्हीं तारों में फाल्ट खोजने में लग जाता है। ऐसे में बिजली विभाग के अधिकारी अब इन तारों को यहां से हटवाने की योजना बना रहे हैं। दीपावली के बाद इस ओर अभियान चलाकर इसे हटवाया जाएगा। साथ ही पुराने खंभों को भी हटाया जाएगा।

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दुर्घटना का भी रहता है खतरा

तारों के मकड़जाल और पुराने खंभों की वजह से दुर्घटना का भी खतरा बना रहता है। अक्सर तार टूटने की घटनाएं भी सामने आती रहती हैं। वहीं पुराने इलाके के लोग बिजली के जर्जर खंभों को हटवाने के लिए समय-समय पर आवाज उठाते रहते हैं।

इन इलाकों में है सबसे अधिक परेशानी

चौक, लोकनाथ, घंटाघर, जानसेनगंज, मोहत्सिमगंज, बादशाही मंडी, पान दरीबा, नखासकोहना, रानीमंडी, बहादुरगंज, रामभवन, मुट्ठीगंज, कीडगंज, गऊघाट, मालवीय नगर, अटाला, खुल्दाबाद समेत कई अन्य इलाके हैं, जहां तारों का जाल देखा जा सकता है।

पहले भी हाे चुकी है कोशिश

तारों के जाल को हटवाने के लिए करीब पांच वर्ष पहले अभियान शुरू किया गया था। करीब छह माह तक यह अभियान चला था। इसमें आधे से अधिक इलाकों में तारों का जाल समाप्त कर दिया गया था। इसके बाद अचानक इस ओर चल रहे काम पर विराम लग गया और तब से ऐसी ही स्थिति बनी हुई है।

हटवाए जाएंगे पुराने तार : मुख्य अभियंता

मुख्य अभियंता ओपी यादव का कहना है कि शहर के अधिकांश इलाकों में पुराने तारों और खंभों को हटवाया जा चुका है। जहां भी अभी यह काम नहीं हुआ है शीघ्र ही वहां इस पर कार्य शुरू होगा। इसके लिए सभी अधिशासी अभियंताओं के साथ ही उपखंड के अधिकारियों को निर्देशित किया जाएगा।


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