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Allahabad University : एक विभाग ऐसा भी जहां एक दशक बाद भी नहीं हुए स्‍नातक के दाखिले Prayagraj News

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के समाजशास्‍त्र विभाग ने वर्ष 2014 में स्नातक में कक्षाएं शुरू करने के लिए प्रस्ताव भेजा था। यह मसला एकेडमिक काउंसिल में भी रखा गया था।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 24 May 2020 11:52 AM (IST)Updated: Sun, 24 May 2020 11:52 AM (IST)
Allahabad University : एक विभाग ऐसा भी जहां एक दशक बाद भी नहीं हुए स्‍नातक के दाखिले Prayagraj News
Allahabad University : एक विभाग ऐसा भी जहां एक दशक बाद भी नहीं हुए स्‍नातक के दाखिले Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। सुनने में तो अटपटा लगेगा लेकिन है बिल्कुल सही। जी हां, इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) में एक विभाग ऐसा भी है जिसकी स्थापना तो एक दशक पूर्व हुई थी। फिर भी यहां अब तक स्नातक कक्षाओं के संचालन की अनुमति ही नहीं मिल सकी। जबकि यहां परास्नातक और शोध कार्य कराए जाते हैं।

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2010 में समाजशास्त्र विभाग की स्थापना हुई थी

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में वर्ष 2010 में प्रोफेसर राजन हर्षे के कार्यकाल में समाजशास्त्र विभाग की स्थापना हुई थी। विभाग का पहला अध्यक्ष कार्यवाहक कुलपति रह चुके प्रोफेसर ए. सत्यनारायण को बनाया गया। इसके बाद वर्ष 2012 में यहां परस्नातक में दाखिला शुरू हुआ। विभाग ने वर्ष 2014 में स्नातक में कक्षाएं शुरू करने के लिए प्रस्ताव भेजा। यह मसला एकेडमिक काउंसिल में भी रखा गया। हालांकि, इस पर एक कमेटी गठित कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

सिविल सेवा की तैयारी करने वालों की पहली पसंद

इविवि के पुरा छात्र और वर्ष 1993 बैच के आइआरएस अफसर और वर्तमान में अहमदाबाद में इनकम टैक्स के कमिश्नर वीरेंद्र ओझा कहते हैं कि सिविल सेवा के तैयारी के लिए तीन विषय काफी अहम हैं। इनमें समाजशास्त्र, भूगोल और हिंदी साहित्य है। समाजशास्त्र ऐसा विषय है, जिसे इंजीनियर और विज्ञान की पढ़ाई करने वाले भी चुनते हैं। यह विषय सिविल सेवा की तैयारी में सबसे सुरक्षित माना जाता है। वह मुफ्त में मार्गदर्शन ऑनलाइन क्लास के जरिए सिविल सेवा की तैयारी भी कराते हैं। उनका कहना है यदि देश के चौथे विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र में स्नातक की सुविधा नहीं है तो यह छात्रों के साथ अन्याय है।

बोले इविवि में समाजशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो. आशीष सक्सेना

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र के विभागाध्यक्ष प्रो. आशीष सक्सेना कहते हैं कि विभाग में भौतिक और मानवीय संसाधनों की कमी के कारण स्नातक में प्रवेश नहीं शुरू हो सका है। वर्तमान में केवल तीन शिक्षक हैं। छात्र आए दिन यूजी में पाठ्यक्रम शुरू करने की मांग करते हैं लेकिन जब तक शिक्षक भर्ती नहीं होगी कक्षाएं शुरू कर पाना संभव नहीं है।


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