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NGT ने दिया आदेश, प्रयागराज में अवैध सिलिका सैंड खनन की हो उच्च स्तरीय जांच और कार्ऱवाई

ग्रीन ट्रिब्यूनल के समक्ष दाखिल अर्जी में कहा गया है कि प्रयागराज के शंकरगढ़ परवेजबाद लालापुर जनवा धारा आदि इलाकों में बड़े पैमाने पर अवैध खनन किया जा रहा है। क्षेत्र में खनन माफियाओं द्वारा 500 से अधिक अवैध खनन की गतिविधियां संचालित की जा रही है

By Ankur TripathiEdited By: Published: Fri, 27 Aug 2021 08:30 AM (IST)Updated: Fri, 27 Aug 2021 08:30 AM (IST)
एनजीटी ने प्रयागराज में सिलिका सैंड के अवैध खनन की शिकायत पर कड़ा रुख अपनाया है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल नई दिल्ली ने प्रयागराज में सिलिका सैंड के अवैध खनन की शिकायत पर कड़ा रुख अपनाया है। अधिकरण ने प्रयागराज के शंकरगढ़ के आसपास के इलाकों में अवैध सिलिका खनन की उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया है। इलाहाबाद निवासी देवदास खत्री के प्रार्थनापत्र पर ट्रिब्यूनल के चेयरमैन न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल, न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य डॉक्टर नागिन नंदा की तीन सदस्यीय पीठ ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, स्टेट एनवायरमेंट इंपैक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी और जिलाधिकारी प्रयागराज की संयुक्त कमेटी गठित कर मामले की जांच कर कार्रवाई करने को कहा है।

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तीन माह में जांच का नतीजा बताना होगा कमेटी को

केंद्र और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इसमें नोडल एजेंसी की तरह काम करेंगे। अधिकरण ने इन सभी एजेंसियों को अपने उच्च पदस्थ अधिकारियों को जांच के लिए नामित करने का निर्देश दिया है। कमेटी को 15 दिन के भीतर बैठक कर मौके पर जाकर निरीक्षण करना होगा। कमेटी के सदस्यों को अन्य संबंधित अधिकारियों व व्यक्तियों की भी सहायता लेने का निर्देश दिया गया है। कमेटी को अपनी जांच तथा की गई कार्रवाई से तीन माह में अधिकरण को अवगत कराना होगा।

राज्य प्राधिकारियों द्वारा की जा रही अनदेखी

ग्रीन ट्रिब्यूनल के समक्ष दाखिल अर्जी में कहा गया है कि प्रयागराज के शंकरगढ़, परवेजबाद, लालापुर, जनवा, धारा आदि इलाकों में बड़े पैमाने पर अवैध खनन किया जा रहा है। इस क्षेत्र में चल रहे सैकड़ों सिलिका वाशिंग प्लांट में भूमिगत जल का अत्याधिक दोहन किए जाने और गैरवैज्ञानिक तरीके से किए जा रहे खनन के कारण क्षेत्र के पर्यावरण व जन स्वास्थ्य को गंभीर खतरा पैदा हो गया है। आरोप लगाया गया कि क्षेत्र में खनन माफियाओं द्वारा 500 से अधिक अवैध खनन की गतिविधियां संचालित की जा रही है। जबकि लगभग 100 सिलिका सैंड वाशिंग प्लांट भी इस कार्य में लगे हुए हैं। कहा गया है कि पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की ओर से बालू खनन को लेकर गाइडलाइन भी जारी की गई है मगर राज्य प्राधिकारियों द्वारा इसकी अनदेखी की जा रही है।


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