लाचार मामा ने रुपये निकालने को एटीएम कार्ड दिया, भांजे ने 10 लाख गायब किए Prayagraj News
भांजे ने मामा के एटीएम से निकाले 10 लाख रुपये। जी हां यह मामला नैनी का है। मामा बीमार है। वह अपनी बीमारी का इलाज कराने के लिए भांजे को एटीएम कार्ड दे दिया था।
प्रयागराज, जेएनएन। जी हां...रिश्ते में विश्वासघात की एक और खबर आपके समक्ष प्रस्तुत है। इस बार एक भांजे ने अपने ही मामा के एटीएम से रुपये निकाल लिए। रुपये भी पूरे 10 लाख थे। मामा बीमारी से लाचार हैं, जिससे भांजे को रुपये निकालने के लिए अपना एटीएम कार्ड दे देते थे।
पासबुक अपडेट कराने पर फर्जीवाड़े का पता चला
मामला नैनी थाना क्षेत्र के डांडी तिगनौता गांव का है। यहां के निवासी ओम प्रकाश रेलवे के पूर्व कर्मचारी है। बीमारी के चलते चलने फिरने में विवश हैं। वे अपने भांजे ऊंचडीह निवासी अभिषेक मिश्रा को इलाज के लिए पैसा निकालने के लिए एटीएम कार्ड देकर भेजते थे। अभिषेक ने 20 नवंबर 2019 से 11 जनवरी 2020 के बीच 10 लाख रुपये निकाल लिए। ओम प्रकाश को इसकी भनक तक नहीं लगी। पासबुक अपडेट कराने पर इसका खुलासा हुआ तो ओम प्रकाश के पैरो तले जमीन खिसक गई। इस बाबत कई बार रिश्तेदारों के बीच पंचायत हुई लेकिन अभिषेक रुपये वापस करने को तैयार नहीं हुआ।
अधिवक्ता के खाते से उड़ाए 10 हजार
मानस नगर मोहल्ला निवासी अधिवक्ता शमशेर सिंह की मोबाइल पर फोन कर साइबर शातिरों ने उनका खाता संख्या जान लिया। कुछ देर बाद उनके खाते से 10 हजार रुपये निकाल लिए। मोबाइल पर मैसेज आने पर उन्हें इसकी जानकारी हुई। पुलिस मुकदमा दर्ज इसकी जांच कर रही है।
सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी
सिविल लाइंस के महात्मा गांधी मार्ग पर रहने वाले शांतनु बोस से सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर करीब ढाई लाख रुपये ठगी करने का मामला सामने आया है। पीडि़त ने सिविल लाइंस थाने में राजापुर निवासी विनय यादव के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। मामला एक साल पुराना है। पीडि़त का आरोप है कि पुरानी जान पहचान होने के कारण विनय ने सरकारी नौकरी के लिए आठ लाख रुपये मांगे थे। तब उसने करीब ढाई लाख रुपये दे दिया। इसी बीच विनय ने औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र उन्नाव का फर्जी नियुक्ति पत्र दिया। शांतनु जब वहां गया तो सच्चाई सामने आ गई। वापस आकर उसने पैसे मांगे तो उसके साथ मारपीट करते हुए धमकी दी गई। पुलिस मामले की जांच कर रही है।