Move to Jagran APP

लाचार मामा ने रुपये निकालने को एटीएम कार्ड दिया, भांजे ने 10 लाख गायब किए Prayagraj News

भांजे ने मामा के एटीएम से निकाले 10 लाख रुपये। जी हां यह मामला नैनी का है। मामा बीमार है। वह अपनी बीमारी का इलाज कराने के लिए भांजे को एटीएम कार्ड दे दिया था।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 04 Mar 2020 10:41 AM (IST)Updated: Wed, 04 Mar 2020 10:41 AM (IST)
लाचार मामा ने रुपये निकालने को एटीएम कार्ड दिया, भांजे ने 10 लाख गायब किए Prayagraj News
लाचार मामा ने रुपये निकालने को एटीएम कार्ड दिया, भांजे ने 10 लाख गायब किए Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। जी हां...रिश्ते में विश्वासघात की एक और खबर आपके समक्ष प्रस्तुत है। इस बार एक भांजे ने अपने ही मामा के एटीएम से रुपये निकाल लिए। रुपये भी पूरे 10 लाख थे। मामा बीमारी से लाचार हैं, जिससे भांजे को रुपये निकालने के लिए अपना एटीएम कार्ड दे देते थे।

loksabha election banner

पासबुक अपडेट कराने पर फर्जीवाड़े का पता चला

मामला नैनी थाना क्षेत्र के डांडी तिगनौता गांव का है। यहां के निवासी ओम प्रकाश रेलवे के पूर्व कर्मचारी है। बीमारी के चलते चलने फिरने में विवश हैं। वे अपने भांजे ऊंचडीह निवासी अभिषेक मिश्रा को इलाज के लिए पैसा निकालने के लिए एटीएम कार्ड देकर भेजते थे। अभिषेक ने 20 नवंबर 2019 से 11 जनवरी 2020 के बीच 10 लाख रुपये निकाल लिए। ओम प्रकाश को इसकी भनक तक नहीं लगी। पासबुक अपडेट कराने पर इसका खुलासा हुआ तो ओम प्रकाश के पैरो तले जमीन खिसक गई। इस बाबत कई बार रिश्तेदारों के बीच पंचायत हुई लेकिन अभिषेक रुपये वापस करने को तैयार नहीं हुआ।  

अधिवक्ता के खाते से उड़ाए 10 हजार

मानस नगर मोहल्ला निवासी अधिवक्ता शमशेर सिंह की मोबाइल पर फोन कर साइबर शातिरों ने उनका खाता संख्या जान लिया। कुछ देर बाद उनके खाते से 10 हजार रुपये निकाल लिए। मोबाइल पर मैसेज आने पर उन्हें इसकी जानकारी हुई। पुलिस मुकदमा दर्ज इसकी जांच कर रही है।

सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी

सिविल लाइंस के महात्मा गांधी मार्ग पर रहने वाले शांतनु बोस से सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर करीब ढाई लाख रुपये ठगी करने का मामला सामने आया है। पीडि़त ने सिविल लाइंस थाने में राजापुर निवासी विनय यादव के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। मामला एक साल पुराना है। पीडि़त का आरोप है कि पुरानी जान पहचान होने के कारण विनय ने सरकारी नौकरी के लिए आठ लाख रुपये मांगे थे। तब उसने करीब ढाई लाख रुपये दे दिया। इसी बीच विनय ने औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र उन्नाव का फर्जी नियुक्ति पत्र दिया। शांतनु जब वहां गया तो सच्चाई सामने आ गई। वापस आकर उसने पैसे मांगे तो उसके साथ मारपीट करते हुए धमकी दी गई। पुलिस मामले की जांच कर रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.