हाई रिस्क प्रेगनेंसी वाली महिलाओं के इलाज में लापरवाही Prayagraj News
एक अप्रैल से अभी तक 4000 हाई रिस्क प्रेगनेंसी की गर्भवती महिलाएं चिह्नित की गई थीं लेकिन इसमें महज 1800 महिलाओं का ही इलाज किया गया।
प्रयागराज,जेएनएन : हाई रिस्क प्रेगनेंसी (उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था) की गर्भवती महिलाओं को चिह्नित तो किया जा रहा है, लेकिन उनकी देखभाल व इलाज में लापरवाही बरती जा रही है। छह माह में करीब 4000 गर्भवती महिलाएं हाई रिस्क प्रेगनेंसी के लिए चिह्नित की गईं थीं। इसमें से महज 1800 प्रसूताओं की देखभाल व इलाज तो किया गया लेकिन बाकी को उनके हालात पर छोड़ दिया गया। इसमें सुधार लाने के लिए अपर निदेशक स्वास्थ्य ने जिम्मेदार अधिकारियों को निर्देशित किया है।
जिला महिला अस्पताल से लेकर सभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं की समस्त जांचें कराई जाती हैं। प्रत्येक माह की नौ तारीख को सरकारी अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष शिविर आयोजित किया जाता है। इसमें सभी तरह की जांचें मुफ्त में की जाती है और इसमें ऐसी गर्भवती को चिह्नित किया जाता है जो हाई रिस्क प्रेगनेंसी में होती हैं। अपर निदेशक स्वास्थ्य डॉ. एके पालीवाल ने इसकी समीक्षा की तो पता चला कि एक अप्रैल से अभी तक 4000 हाई रिस्क प्रेगनेंसी की गर्भवती महिलाएं चिह्नित की गई थीं लेकिन इसमें महज 1800 महिलाओं का ही इलाज किया गया। इसके लिए एएनएम व आशा कार्यकर्ता के साथ-साथ स्वास्थ्य केंद्रों व अस्पतालों के अधीक्षक भी जिम्मेदार हैं।
क्या है हाई रिस्क प्रेगनेंसी :
ऐसी गर्भवती महिला जिन्हें खून की कमी है, ब्लड प्रेशर की समस्या है व मधुमेह से पीडि़त हैं। इसके अलावा पूर्व में ऑपरेशन से डिलीवरी हो चुकी है तो ऐसी महिलाओं को हाई रिस्क प्रेगनेंसी की श्रेणी में रखा जाता है।