'नीरज ने ¨हदी गीतों को समृद्धि के शिखर तक पहुंचाया'
गोपालदास 'नीरज' की याद में शोकसभा का आयोजन किया गया। इसमें विभिन्न सांस्कृतिक और साहित्यिक संस्थाओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : 'गीतों के राजकुमार' गोपालदास 'नीरज' के जाने से गीतों का एक कारवां गुजर गया। नगर के साहित्य, सांस्कृतिक एवं कला जगत में उनके निधन से निराशा का माहौल है। विभिन्न स्थानों पर आयोजित सभा में जुटे लोगों ने उनको श्रद्धांजलि अर्पित की। ¨हदी साहित्य सम्मेलन में प्रधानमंत्री विभूति मिश्र की अध्यक्षता में शोकसभा आयोजित की गई। उन्होंने कहा कि नीरज ने साहित्य, सिनेमा के साथ मंचीय कवि के रूप में ख्याति प्राप्त की। ¨हदुस्तानी अकादमी में आयोजित शोकसभा में अध्यक्ष डा. उदय प्रताप सिंह ने कहा कि कवि नीरज अपनी कालजयी रचनाओं के साथ सदैव हमारे बीच बने रहेंगे। सचिव रवींद्र कुमार ने कहा कि उनकी मृत्यु ¨हदी साहित्य के लिए अपूर्णीय क्षति है। अकादमी के कोषाध्यक्ष रविनंदन सिंह ने कहा कि गोपालदास नीरज का दुनिया से जाना साहित्य के साथ फिल्मी दुनिया के लिए अपूर्णीय क्षति है। इस अवसर पर हरि मोहन मालवीय, नरेश कुमार गौड़, नंदल हितैषी, मीनू रानी दूबे, डा. शारदा पांडेय, डा. ऊषा मिश्रा आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे। साहित्यकार संसद रसूलाबाद में आयोजित शोकसभा में अमर कवि को याद करते हुए उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला गया। इसमें इसमें प्रो. राम किशोर शर्मा, डा.प्रवीण शुक्ल, डा. विरेंद्र मिश्र, तलब जौनपुरी, दया शंकर पांडेय, रामलखन शुक्ल, प्रद्युमन नाथ तिवारी आदि उपस्थित रहे। कायस्थ पाठशाला में आयोजित सभा की अध्यक्षता चौधरी राघवेंद्र नाथ सिंह ने की। कहा कि नीरज सदी के कवि थे। उपाध्यक्ष पूर्व महापौर चौधरी जितेंद्रनाथ सिंह ने पद्म पुरस्कार प्राप्त करने वाला व्यक्ति स्वयं में महान होता है। महामंत्री एसडी कौटिल्य ने कहा कि उनका जाना समाज के लिए अपूर्णीय क्षति है। सभा में रवि श्रीवास्तव, हनुमान प्रसाद श्रीवास्तव, कुलदीप नारायण श्रीवास्तव, सत्य प्रकाश, श्याम स्वरूप, केबी श्रीवास्तव, आरके श्रीवास्तव, सुभाष चंद्र श्रीवास्तव आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे। अखिल भारतीय कायस्थ महासभा में दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। एल्युमिनायी ऑफ केपी कालेज सिनियर सिटीजन की ओर से आयोजित शोकसभा में गोपाल दास नीरज की मृत्यु को राष्ट्रीय क्षति बताया गया। सदस्यों ने दो मिनट मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। अखिल भारतीय ¨हदी काव्य जागरण अभियान के प्रबंध निदेशक जयप्रकाश शर्मा का कहना है नीरज ने गीत परंपरा को जीवनदान दिया। नीरज ने गीतों को मंचों पर पुनस्र्थापित किया। वरिष्ठ साहित्यकार सुधांशु उपाध्याय का कहना है कि ¨हदी गीतों को उन्होंने समृद्धि के शिखर तक पहुंचाया। उनका अवसान पूरे ¨हदी जगत के लिए दुखद है। ¨हदी गीत के शिखर पुरुष को मेरी तरफ से विनम्र श्रद्धांजलि। साहित्यिक, सास्कृतिक संस्थान 'सर्जनपीठ', की ओर से श्रद्धाजलि-सभा का आयोजन शुक्रवार को किया गया। इलाहाबाद दूरदर्शन केंद्र के निदेशक श्याम विद्यार्थी ने कहा कि नीरज के गीतों में प्राणों का स्पन्दन बोलता है। भाषाविद् डा. पृथ्वीनाथ पांडेय ने कहा कि नीरज ने मंचीय कविता को समृद्ध किया। इस अवसर पर प्रो. विभुराम मिश्र, डा. रामनरेश त्रिपाठी, डा. प्रदीप चित्राशी, शिवराम उपाध्याय, शिवराम गुप्त और कैलाशनाथ पांडेय ने गोपाल दास नीरज के व्यक्ति्व एवं कृतित्व पर चर्चा की।