दुष्कर्म के आरोपित पूर्व विधायक के खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी
एमपी एमएलए कोर्ट ने पूर्व विधायक के खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी किया है। उन पर दुष्कर्म का आरोप था। अदालत ने फरारी नोटिस भी जारी किया।
प्रयागराज : प्रतियोगी छात्रा से शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने के आरोपित पूर्व विधायक संजय प्रताप जायसवाल के खिलाफ गैर जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी हुआ है। इसके साथ ही अदालत ने फरारी का नोटिस भी जारी किया है। मुकदमे की सुनवाई एमपी एमएलए कोर्ट में हुई, लेकिन अभियुक्त हाजिर नहीं हुआ। इस पर कोर्ट ने उक्त आदेश दिया।
क्या था मामला
मामला लखनऊ जिले के हजरतगंज थाने से संबंधित है। प्रतियोगी छात्रा का आरोप है कि नौ सितंबर 2013 को चारबाग स्टेशन पर अभियुक्त से मुलाकात हुई थी। आरोपित संजय प्रताप ने खुद को विधायक बताते हुए सरकारी नौकरी लगवाने का आश्वासन दिया था। इसके बाद शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण किया और मोबाइल में अश्लील फोटो भी कैद कर लिया था। 11 अक्टूबर 2013 को वैवाहिक इकरारनामा हुआ लेकिन उसके बाद भी शादी से मुकर गया। कुछ दिन बाद पता चला कि वह पहले से शादीशुदा है। पत्रावली का अवलोकन करने के बाद कोर्ट ने पाया कि अभियुक्त कई तिथियों से गैरहाजिर चल रहा है। ऐसे में सीआरपीसी की धारा 82 के तहत फरारी नोटिस जारी की गई।
राज्यमंत्री सुरेश राणा को कोर्ट से मिली राहत
राज्यमंत्री सुरेश राणा को एमपी एमएलए कोर्ट से राहत मिली है। विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने सुरेश की जमानत अर्जी खारिज करने और सीजेएम मुजफ्फरनगर के आदेश में कोई त्रुटि नहीं मिलने पर शासकीय अधिवक्ता के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया।
मामले में छह सह अभियुक्तों की जमानत स्वीकृत हो चुकी है
अदालत ने अपने आदेश में उल्लिखित किया है कि इस प्रकरण में छह सह अभियुक्तों की जमानत स्वीकृत की जा चुकी है। रिपोर्ट में सुरेश राणा की विशेष भूमिका नहीं है। सीजेएम का आदेश विवेकपूर्ण है और उसमें कोई त्रुटि नहीं है। मामला यह है कि 31 अगस्त 2013 को सिखेड़ा थाना क्षेत्र स्थित भारतीय इंटर कॉलेज नंगला मंदौर में गौरव व सचिन की हत्या को लेकर सभा हुई थी। पुलिस का आरोप है कि जब भीड़ को नियंत्रित किया जा रहा था, तभी कुछ लोग फरसा, लाठी लेकर आ गए और सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाई।