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Narendra Giri Case: CBI जांच तक टला महंत के उत्तराधिकारी पर फैसला, अखाड़े के पंच परमेश्‍वर पर जिम्‍मेदारी

Narendra Giri Case अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरि भी सलाह के लिए श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी में बुलाए गए। उन्होंने इतना ही कहा कि जांच का निष्कर्ष आने तक पीठाधीश्वर के मसले पर फैसले से बचना उपयुक्त होगा।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 24 Sep 2021 09:37 AM (IST)Updated: Fri, 24 Sep 2021 09:37 AM (IST)
Narendra Giri Case: CBI जांच तक टला महंत के उत्तराधिकारी पर फैसला, अखाड़े के पंच परमेश्‍वर पर जिम्‍मेदारी
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्‍यक्ष नरेंद्र गिरि के उत्‍तराधिकारी का मामला फिलहाल टाल दिया गया है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के उत्तराधिकारी (श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी के पीठाधीश्वर) का फैसला सीबीआइ जांच पूरी होने तक टाल दिया गया है। श्री निरंजनी अखाड़े के पंच परमेश्वर ही तब तक श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी और बड़े हनुमान मंदिर की व्यवस्था देखेंगे। इस मुद्दे पर गुरुवार को श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी में श्रीनिरंजनी अखाड़ा के पंचों में मंत्रणा होती रही। आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद भी इसमें शामिल हुए।

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अखाड़ा परिषद के अध्‍यक्ष महंत हरि गिरि ने यह कहा

श्रीनिरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रवींद्र पुरी की मौजूदगी में संतों ने घटनाक्रम पर मंथन किया। किसी को न नरेंद्र गिरि के फांसी लगाने पर विश्वास है, न कोई कथित सुसाइड नोट को सही मान रहा है। सुसाइड नोट की लिखावट व हस्ताक्षर, अलग-अलग पन्नों पर स्याही का रंग चर्चा का विषय रहा। दोपहर बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरि भी सलाह के लिए श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी में बुलाए गए। उन्होंने इतना ही कहा कि जांच का निष्कर्ष आने तक पीठाधीश्वर के मसले पर फैसले से बचना उपयुक्त होगा। वैसे उनका यह भी कहना था कि निरंजनी अखाड़ा के पंच परमेश्वर जो फैसला लेंगे, उसे परिषद की स्वीकृति रहेगी।

कल धूल रोट की होगी परंपरा

सुसाइड नोट में उल्लेखित बातों पर मंत्रणा कर इस निष्कर्ष पर पहुंचने की असफल कोशिश हुई कि इससे किसको फायदा हो सकता है? श्रीमहंत रवींद्र पुरी का कहना है कि शनिवार 25 सितंबर को धूल रोट की परंपरा पूरी होनी है, अभी उसकी तैयारी की जा रही है। उसे पूरी परंपरा के अनुरूप पूरा किया जाएगा। सुसाइड नोट में जिन बलवीर गिरि का उल्लेख उत्तराधिकारी के रूप में है, उनका कहना है कि अखाड़े के पंच परमेश्वर जो भी फैसला लेंगे, वह उन्हें शिरोधार्य होगा।

समाधि पर जला दीपक, हुई पूजा

महंत नरेंद्र गिरि की समाधि स्थल पर पूजा हुई। संतों और नरेंद्र गिरि के शिष्यों ने सुबह समाधि स्थल पर मत्था टेक कर पुष्प अर्पित किया। शाम को यहां दीपक जलाया गया।

वर्षभर बाद शिवलिंग की स्थापना

महंत नरेंद्र गिरि की समाधि पर सालभर बाद शिवलिंग रखकर उसे मंदिर का स्वरूप दिया जाएगा। जिस तारीख को समाधि दी गई, उसी तारीख को इसे पक्का कर शिवलिंग स्थापित किया जाएगा और नियमित पूजा होगी।

सीबीआइ खुदवा सकती है समाधि

कुछ संतों को यह भी लग रहा है कि सीबीआइ अपनी जांच के दौरान समाधि खुदवा कर पार्थिव शरीर देख सकती है। कहां और कैसे चोट लगी है? शरीर में कैसा निशान है? इस सबकी पड़ताल करने के लिए पार्थिव शरीर बाहर निकाला जा सकता है। श्रीमहंत रवींद्र पुरी कहते हैैं कि सीबीआइ चाहेगी तो पार्थिव शरीर बाहर निकाला जाएगा। फिर परंपरा के अनुरूप पुन: समाधि दी जाएगी।


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