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राजू को मौत के घाट उतार एक तीर से दो शिकार करना चाहता था शोहराब, प्रयागराज में हुआ था कत्‍ल

मो. शोहराब ने अपने भाई हसनैन के साले राजू उर्फ सलीम निवासी छोड़िया थाना कौंधियारा का 16 नवंबर की देर रात कत्ल कर दिया। वारदात को अंजाम उस वक्त दिया गया जब वह हसनैन की कबाड़ की दुकान रामनगर बसमहुआ में अकेले सो रहा था।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 21 Nov 2020 09:51 AM (IST)Updated: Sat, 21 Nov 2020 09:51 AM (IST)
राजू को मौत के घाट उतार एक तीर से दो शिकार करना चाहता था शोहराब, प्रयागराज में हुआ था कत्‍ल
कारोबार मंदा होने के कारण प्रयागराज में राजू की हत्‍या की योजना बनाई गई थी।

प्रयागराज, जेएनएन। एक तीर से दो शिकार। कुछ इसी राह पर चल पड़ा था थरवई के भोपतपुर गांव निवासी मो. शोहराब। उसने एक सनसनीखेज वारदात को अंजाम देने के लिए जो ताना-बाना बुना आखिरकार वह खुद उसका शिकार हो गया। घटना को अंजाम उसने भले ही दे दिया हो। हालांकि जिनको फंसाने और बर्बाद करने के लिए यह व्यूह रचना रची थी, वह तो पाक साफ बच गए, लेकिन मो. शाेहराब सलाखों के पीछे जरूर पहुंच गया। उसकी इस हरकत से स्वजन अभी तक अचम्भित हैं। वह इतने गुस्से में हैं कि अब वे जेल की चहारदीवारी में पहुंच चुके शोहराब की मदद को भी तैयार नहीं हैं।

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भाई को बर्बाद और कारोबारी को फंसाने की तैयार की थी योजना

मो. शोहराब ने अपने भाई हसनैन के साले राजू उर्फ सलीम निवासी छोड़िया थाना कौंधियारा का 16 नवंबर की देर रात कत्ल कर दिया। वारदात को अंजाम उस वक्त दिया गया जब वह हसनैन की कबाड़ की दुकान रामनगर बसमहुआ में अकेले सो रहा था। उसके सिर पर टायर रिंच से कई प्रकार किए गए थे। मौके पर ही राजू ने दम तोड़ दिया था। शाेहराब ने उसकी लाश को दुकान के पास सड़क के किनारे फेंक दिया था। चूंकि हसनैन का कबाड़ करने वाले मो. गुलाम निवासी मलावा झूंसी से धंधे को लेकर विवाद था और राजू के आने के बाद शाेहराब का कबाड़ का धंधा मंदा हो गया था, इसलिए उसने राजू की कत्ल की योजना तैयारी की थी।

थरवई थाने में केस भी दर्ज कराया

राजू को मारने के बाद उसने हसनैन से मो. गुलाम व उसके तीन अज्ञात साथियों के साथ मुकदमा भी थरवई थाने में लिखवा दिया था। उसका सोचना था कि मो. गुलाम जेल चला जाएगा और राजू के मरने के बाद हसनैन का कारोबार भी टूट जाएगा, जिस कारण उसका मंद पड़ा धंधा चमक जाएगा।

कैसे शोहराब तक पहुंची पुलिस

आरोपित शोहराब हत्या वाले दिन ही हसनैन से पहले मो. गुलाम व उसके तीन साथियों पर आरोप लगाने लगा था। पुलिस जब मो. गुलाम के पास पहुंची तो वह घर पर ही मिल गया। पुलिस उसे थाने ले आई और यहां पूछताछ की गई तो उसने हत्याकांड से साफ इन्कार किया। पुलिस ने अपने स्तर से छानबीन की तो पता चला कि इसमें मो. गुलाम का हाथ नहीं है। ऐसे में शोहराब द्वारा बार-बार उसका नाम लेना पुलिस को खटक गया। शोहराब पर नजर रखी जाने लगी। मुखबिरों को लगाया गया। इसके बाद शोहराब को पुलिस ने चुपचाप उठा लिया। थाने लाकर उससे कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने अपना गुनाह कबूलते हुए पूरी सच्चाई बयां कर दी।


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