केंद्र सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल की सांसदों ने गिनाईं उपलब्धियां Prayagraj News
सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 हजार दिव्यांगों को एक साथ सहायक उपकरण बांटकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में प्रयागराज का नाम दर्ज कराया है।
प्रयागराज, जेएनएन। केंद्र की सरकार ने अपना एक साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है। ऐसे में इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र की सांसद प्रो. रीता बहुगुणा जोशी और फूलपुर की सांसद केसरी देवी पटेल ने एक साल के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाईं। पार्टीजनों ने सांसदों को फिजिकल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए फूल भेंट किया।
सांसद प्रो. रीता जोशी ने कहा-पीएम मोदी ने वर्ल्ड रिकार्ड में प्रयागराज का नाम दर्ज कराया
सांसद प्रो. रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 हजार दिव्यांगों को एक साथ सहायक उपकरण बांटकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में प्रयागराज का नाम दर्ज कराया है। यमुनापार में पांच आरओबी, देश की सबसे तेज गति की ट्रेन वंदे भारत का प्रयागराज में ठहराव सहित कई अन्य कार्य स्वीकृत कराए। सड़कों की मरम्मत व उनका उच्चीकरण कराया गया। नमामि गंगे के अंतर्गत यमुनापार को सम्मिलित किया गया।
क्षेत्र के विकास का प्रयास निरंतर जारी रहेगा : सांसद केशरी देवी
वहीं दूसरी ओर अपने आवास पर कार्यकर्ताओं से पुष्पगुच्छ लेते हुए फूलपुर सांसद केशरी देवी पटेल ने कहा कि क्षेत्र के विकास के लिए मेरा प्रयास निरंतर जारी रहेगा। इस मौके पर पूर्व विधायक दीपक पटेल, महानगर अध्यक्ष गणेश केसरवानी, पूर्व अध्यक्ष अवधेश गुप्त, पार्षद पवन श्रीवास्तव, रवि केसरवानी, कुंज बिहारी मिश्र, अरुण अग्रवाल, राजू राय, संदीप चौहान, कमलेश्वर पटेल, भूपेंद्र पांडेय, अनिल भट्ट मौजूद रहे।
क्रेट 2019 में दाखिले के लिए अभ्यर्थियों ने एचआरडी मंत्रालय को पत्र भेजा
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग के सत्र 2019-20 में पीएचडी प्रवेश में सफल अभ्यर्थियों ने कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर आरआर तिवारी और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को पत्र लिखा। पत्र के माध्यम से बताया कि पिछले सत्र की प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो पाई है और विश्वविद्यालय प्रशासन आगामी सत्र के लिए पीएचडी प्रवेश की प्रक्रिया जून से शुरू कर रहा है। ऐसे में अभ्यर्थियों में असमंजस की स्थिति है।
बोले अथ्यर्थी, आगामी सत्र के लिए सीटों का निर्धारण संभव नहीं
अभ्यर्थियों ने कहा कि पीएचडी की सीटें शोध पर्यवेक्षकों की उपलब्धता के आधार पर तय होती हैं और शोध पर्यवेक्षकों की उपलब्धता उनके निर्देशन में नामांकित शोध छात्रों के आधार पर तय होती है। ऐसे में पिछले सत्र की प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण किए बिना आगामी सत्र के लिए सीटों का निर्धारण कैसे किया जा सकता है। साथ ही बिना सीट निर्धारण के आवेदन फॉर्म कैसे निकाले जा सकते हैं? छात्रों ने कुलपति से पिछले सत्र की प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद ही आगामी सत्र के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने की मांग की।