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Coronavirus : पांच साल की बेटी के लिए पीपीई किट पहन डॉक्टर की भूमिका में मां Prayagraj News

बेटी की देखभाल के लिए मां को अस्पताल में रहने की अनुमति दे दी है। मां को कोरोना से बचाव के लिए सभी नियमों के बारे में बताया गया और उसे पीपीई किट पहनकर अंदर रहने के लिए कहा गया।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 03 Jun 2020 07:00 AM (IST)Updated: Wed, 03 Jun 2020 08:11 AM (IST)
Coronavirus : पांच साल की बेटी के लिए पीपीई किट पहन डॉक्टर की भूमिका में मां  Prayagraj News
Coronavirus : पांच साल की बेटी के लिए पीपीई किट पहन डॉक्टर की भूमिका में मां Prayagraj News

प्रयागराज, [मनीष मिश्र]। कहते हैं, मां अपने बच्चों के लिए अपनी जान भी दांव पर लगा सकती है, आखिर मां तो मां ही होती है। ऐसी ही एक मां स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल के वार्ड नंबर नौ में इन दिनों मौजूद है। कोरोना के संक्रमण से जूझ रही पांच साल की बेटी के लिए वह खुद की जान की परवाह किए बगैर डॉक्टर की भूमिका में आ उसकी साथ मौजूद रहती हैं। इतना ही नहीं डॉक्टरों की तरह ही पीपीई किट से लैस होकर वह बेटी की देखभाल कर रही है और उसका हौसला बढ़ा रही है। डॉक्टर भी इस मां की ममता के सामने नतमस्तक हो गए। क्योंकि कोरोना वायरस की इस महामारी के बीच यह काम मां के अलावा कोई कर भी नहीं सकता।

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जिला प्रशासन और स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने सुनी मां की फरियाद

दरअसल, सैदाबाद के गणेशपुर गांव की रहने वाली यह बच्ची मां समेत परिवार के अन्य सदस्यों के साथ 16 मई को अपने घर लौटी थी। जांच रिपोर्ट में बच्ची कोरोना संक्रमित पाई गई, यह सुनकर मां की आंखों के सामने जैसे अंधेरा छा गया। सोमवार को कालिंदीपुरम क्वारंटाइन सेंटर से बच्ची को लेवल थ्री कोविड अस्पताल एसआरएन में भर्ती करने के लिए ले जाया जा रहा था। मां डॉक्टरों के सामने गिड़गिड़ाने लगी, मेरी बच्ची को मुझसे दूर न करो.. मुझे भी अस्पताल ले चलो मैं उसकी देखभाल करूंगी। फिर क्या जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने भी उसे बेटी की देखभाल के लिए अस्पताल में रहने की अनुमति दे दी है। मां को कोरोना से बचाव के लिए सभी नियमों के बारे में बताया गया और उसे पीपीई किट पहनकर अंदर रहने के लिए कहा गया। डॉ. अमित बग्गा उसके इलाज में लगे हुए हैं। वह खुद मां की इस ममता को देखकर भावुक हो जाते हैं।

जान से बढ़कर है मेरी बेटी

महिला कहती है कि मेरी बेटी जान से बढ़कर है मेरे लिए। मैं उसे छोड़कर भला घर कैसे जा सकती हूं। मैं प्रशासन और अस्पताल प्रशासन की आभारी हूं जो मुझे यहां रहने की अनुमति दी गई। अस्पताल प्रशासन की ओर से पूरी व्यवस्था की गई है। नाश्ता, चाय और काढ़ा दिया जा रहा है, मुझे पूरा भरोसा है कि मेरी बेटी जल्दी इस बीमारी से मुक्त होगी।

बोले डॉक्टर

एसआरएन के नोडल अधिकारी डॉ. सुजीत वर्मा ने बताया कि अस्पताल में पांच साल की बच्ची व उसकी मां का पूरा ख्याल रखा जाता है। मां को पीपीई किट दिया गया है जिसे पहनकर वह अंदर वार्ड में रहती है। बच्ची छोटी है उसे मां से हिम्मत मिलेगी।


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