व्यापारियों का रिटर्न भरने में बीत जाएगा यह माह, ऐसे में वे कब करेंगे अपना कारोबार
एक ही महीने में इतनी तिथियां निर्धारित करने से छोटे व्यापारियों को ज्यादा परेशानी होगी। बड़े व्यापारियों के पास स्टाफ होते हैं वह उनसे काम चला लेंगे छोटे व्यापारियों को रिटर्न भरने के लिए दुकान और प्रतिष्ठान बंद करना पड़ेगा। इसके लिए एक दिन पहले से तैयारी करनी पड़ेगी।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। सरकार ने वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) और आयकर (इनकम टैक्स) रिटर्न दाखिल करने, प्राविडेंट फंड (पीएफ) व कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआइ) की हिस्सेदारी (कंट्रिब्यूशन) जमा करने के लिए इस महीने कई तिथियां निर्धारित की हैं। इससे व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। व्यापारियों का ज्यादातर समय रिटर्न भरने में ही बीतेगा, ऐसे में वह व्यवसाय कब करेंगे इसको लेकर उनकी चिंता बढ़ गई है।
कुछ रिटर्न दाखिल और हिस्सेदारी जमा करने के लिए तिथियां एक
सात से 24 जनवरी तक जीएसटी, इनकम टैक्स का रिटर्न भरने, पीएफ और ईएसआइ की हिस्सेदारी जमा करने के लिए अलग-अलग तिथियां सरकार द्वारा निर्धारित की गई हैं। इसमें 10 दिन जीएसटी और तीन दिन इनकम टैक्स का रिटर्न दाखिल करने, एक दिन पीएफ और एक दिन ईएसआइ की हिस्सेदारी जमा करने के लिए है। हालांकि, कुछ रिटर्न दाखिल और हिस्सेदारी जमा करने के लिए तिथियां एक हैं। इनकम टैक्स की आडिट रिपोर्ट वित्तीय वर्ष 2020-21, बाकी रिटर्न और हिस्सेदारी दिसंबर-2021 के लिए जमा की जानी है। कंफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र गोयल का कहना है कि सरकार द्वारा एक ही महीने में इतनी तिथियां निर्धारित करने से छोटे व्यापारियों को ज्यादा परेशानी होगी। बड़े व्यापारियों के पास स्टाफ होते हैं, वह उनसे काम चला लेंगे लेकिन, छोटे व्यापारियों को रिटर्न भरने के लिए अपनी दुकान और प्रतिष्ठान बंद करना पड़ेगा। इसके लिए एक दिन पहले से ही तैयारी करनी पड़ेगी।
किस तिथि में भरना कौन सा रिटर्न
-07 को टीडीएस/टीसीएस
-10 को जीएसटीआर-7 (टीडीएस डिडक्टर), जीएसटीआर-8 (टीसीएस कलेक्टर)
-11 को जीएसटीआर-1 (क्यूआरएमपी के अलावा)
-13 को जीएसटीआर-1 (क्यूआरएमपी के लिए) और जीएसटीआर-6
-15 को इनकम टैक्स की आडिट रिपोर्ट, टीडीएस का तिमाही स्टेटमेंट, पीएफ और ईएसआइ की हिस्सेदारी
-18 को कंपोजिशन करदाताओं के लिए तिमाही चालान (सीएमपी-08)
-20 को जीएसटीआर-3बी (क्यूआरएमपी के अलावा) और जीएसटीआर-5 व जीएसटीआर-5ए
-22-जीएसटीआर-3बी श्रेणी-वन राज्य के करदाताओं के लिए, जो क्यूआरएमपी के दायरे में हैं।
-24 को जीएसटीआर-3बी श्रेणी-टू राज्य के करदाताओं के लिए (यूपी इस श्रेणी में शामिल) जो क्यूआरएमपी के दायरे में हैं।
नोट- क्यूआरएमपी में पांच करोड़ सालाना टर्नओवर से कम के व्यापारी और क्यूआरएमपी के अलावा में इससे ज्यादा टर्नओवर के व्यापारी शामिल हैं।