मीसा बंदी हैं परेशान, क्योंकि उन्हें दो माह से नहीं मिल रही पेंशन
पेंशन बंद होने की आशंका से इन दिनों मीसा पेंशरन हैरान और परेशान हैं। मायावती सरकार ने मीसा बंदियों की पेंशन पर रोक लगा दी थी। अब दो माह से पेंशन नहीं मिल रही है।
प्रयागराज : इमरजेंसी के दौरान जेल में कैद रहे मीसा बंदियों को दो माह से पेंशन नहीं मिल पा रही है। इससे मीसा पेंशनर कई तरह की आशंका से परेशान हैं। उन्हें यह भी डर सता रहा है कि कहीं सरकार उनकी पेंशन ही न बंद कर दे। यही नहीं अब तो वॉल्वो बस में मिल रही यात्रा की सुविधा भी बंद कर दी गई। मीसा बंदी अब वातानुकूलित जनरथ बसों में ही यात्रा कर सकते हैं। इसके अलावा इन बंदियों को मेडिकल सुविधा भी नहीं मिल पा रही है। इससे मीसा पेंशनर हैरान और परेशान हैं।
2006 में मीसा बंदियों को 500 रुपये पेंशन मिलना शुरू हुआ था
वर्ष 2006 में मुलायम सिंह यादव की सरकार में मीसा बंदियों को 500 रुपये पेंशन मिलना शुरू हुआ था। इसके छह माह बाद पेंशन बढ़कर एक हजार रुपये कर दी गई थी। वर्ष 2007 में मायावती की सरकार आई तो मीसा बंदियों की पेंशन पर रोक लगा दी गई। वर्ष 2012 में अखिलेश यादव के नेतृत्व में सरकार बनी तो फिर पेंशन शुरू हुई। तब अखिलेश सरकार ने पेंशन तीन हजार रुपये प्रतिमाह कर दिया था। अगले साल पांच हजार, उसके बाद 10 और फिर 15 हजार रुपये मीसा बंदियों की पेंशन कर दिया गया।
योगी सरकार ने मीसा बंदियों की पेंशन पांच हजार रुपये और बढ़ा दिया
पिछले साल योगी सरकार ने पांच हजार रुपये और बढ़ा दिया था। हालांकि फरवरी और मार्च महीने की पेंशन मीसा बंदियों को अब तक नहीं मिल सकी है। अतरसुइया के सतीश बंसल आदि एडीएम प्रशासन के पास पेंशन न मिलने की शिकायत करने व पेंशन दिलाने की मांग को लेकर पहुंचे। एडीएम प्रशासन ने बजट आते ही मीसा बंदियों को पेंशन मुहैय्या कराने का आश्वासन दिया। एडीएम प्रशासन ने बताया कि कुछ पेंशनरों को पेंशन मिली है लगभग सौ पेंशनर हैं जिन्हें बजट आने पर पेंशन मिल जाएगी।