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Remdesivir Injection की कालाबाजारी करने वाले गिरोह का सरगना फरार है, छह दिन से प्रयागराज पुलिस को दे रहा चकमा

रेमडेसिविर इंजेक्‍शन की कालाबाजारी करने वाले गिरोह के सरगना की तलाश में पुलिस की तीन टीमें कोतवाली पुलिस क्राइम ब्रांच और आइजी की स्पेशल टीम लगी हैं। हालांकि पुलिस की टीमें उसके बारे में कोई सुराग नहीं जुटा सकी हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Thu, 29 Apr 2021 03:42 PM (IST)Updated: Thu, 29 Apr 2021 03:42 PM (IST)
Remdesivir Injection की कालाबाजारी करने वाले गिरोह का सरगना फरार है, छह दिन से प्रयागराज पुलिस को दे रहा चकमा
रेमडेसिविर इंजेक्‍शन की कालाबाजारी करने वाले गिरोह के सरगना को पुलिस नहीं पकड़ सकी है।

प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले गिरोह सरगना अजय विश्वकर्मा फरार है। वह इतना बड़ा शातिर है कि छह दिन से पुलिस को छका रहा है। पुलिस जहां भी दबिश देती है, वहां वह नहीं मिलता। यही नहीं, उसके बारे में अभी तक पुलिस को कोई ठोस क्लू भी नहीं मिल सका है। या यूं कहे कि पुलिस की हर गतिविधियों की जानकारी उसे मिल जा रही है, जिस कारण वह हाथ नहीं आ रहा है।

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तीन टीमें और सारे प्रयास हो रहे विफल

अजय विश्वकर्मा की तलाश में पुलिस की तीन टीमें लगी हैं। कोतवाली पुलिस, क्राइम ब्रांच और आइजी की स्पेशल टीम। ये तीनों टीमें शुक्रवार से ही फरार अजय विश्वकर्मा को खोज रही हैं। उनके घर के साथ ही नाते-रिश्तेदारों, करीबियों और हर संभावित जगहों पर दबिश दे चुकी हैं, लेकिन उसके बारे में कोई सुराग हाथ नहीं लगा है।

साथियों की गिरफ्तारी के बाद ही बंद कर लिया था मोबाइल

स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल के मुख्य द्वार के पास से पिछले शुक्रवार को कोतवाली पुलिस ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले तीन जालसाजों को गिरफ्तार किया था। इसमें विनोद कुमार, राहुल शुक्ला और अनुराग यादव शामिल थे। इनका साथी अजय विश्वकर्मा निवासी 40 नंबर गुमटी पंडिला महादेव, थरवई दो रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर फरार हो गया था। ये इंजेक्शन यहां किसी जरूरतमंद को 50-50 हजार रुपये में बेचने आए थे।

शातिर की लोकेशन पुलिस ट्रेस नहीं कर पा रही

पुलिस ने फरार अजय की लोकेशन चेक की तो उसकी अंतिम लोकेशन गिरफ्तारी के चंद मिनट पहले एसआरएन अस्पताल के बाहर मिली। इसके बाद उसका मोबाइल बंद हो गया। इसके बाद उसने मोबाइल नहीं खोला। यही कारण है कि उसके साथियों की गिरफ्तारी के बाद उसकी लोकेशन पुलिस ट्रेस नहीं कर पा रही है।


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