19 साल पहले मृत बिशप को बना दिया मुल्जिम
वादी का आरोप है कि सभी ने कूटरचित फर्जी दस्तावेज तैयार कर जमीन का फर्जीवाड़ा किया। लखनऊ निवासी बिशप जॉन आगस्ट्रीन का कहना है कि वर्ष 1999 में आगरा के करीब सड़क हादसे में मॉरिस एंड्रयूज की मौत हो गई थी।
प्रयागराज : कर्नलगंज थाने में दर्ज धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े के एक मुकदमे में सालों पहले सड़क हादसे में मर चुके बिशप मॉरिस एंड्रयूज को भी मुल्जिम बना दिया गया है। मॉरिस एंड्रयूज आगरा डायोसिस के बिशप थे। एफआइआर में उनके साथ ही पूर्व एमएलसी और प्रिंसिपल सीवी इनिस समेत चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। एफआइआर की कॉपी सोशल मीडिया पर डाले जाने के बाद पुलिस की कार्यशैली आलोचना की जद में आ गई है।
लखनऊ डायोसिस ट्रस्ट एसोसिएशन की सचिव ने तीन दिन पहले कर्नलगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बसंत कुंज साउथ, नई दिल्ली की मधुलिका जायस ने पूर्व एमएलसी सीसी इनिस, नंदलाल सिंह, एचआर मल्ल और तत्कालीन बिशप मारिस एंड्रयूज के खिलाफ फर्जीवाड़ा करने की रिपोर्ट दर्ज कराई है। वादी का आरोप है कि सभी ने कूटरचित फर्जी दस्तावेज तैयार कर जमीन का फर्जीवाड़ा किया। लखनऊ निवासी बिशप जॉन आगस्ट्रीन का कहना है कि वर्ष 1999 में आगरा के करीब सड़क हादसे में मॉरिस एंड्रयूज की मौत हो गई थी। उनकी कार में ट्रक ने टक्कर मार दी थी। मॉरिस एंड्रयूज मूल रूप से बसारतपुर, गोरखपुर निवासी थे। बिशप पीटर बलदेव के मुताबिक, बिशप का अंतिम संस्कार आगरा में किया गया था। इधर इंस्पेक्टर कर्नलगंज सत्येंद्र सिंह का कहना है कि पुलिस को इस बात की जानकारी नहीं है कि मॉरिस एंड्रयूज की मौत हो चुकी है। जांच में यह तथ्य सामने आ जाएगा। वादी से भी पूछताछ की जाएगी। हालांकि, एफआइआर की कॉपी सोशल मीडिया पर डाले जाने के बाद पुलिस की कार्यशैली आलोचना की जद में आ गई है।