जमीन सौदे के नाम पर कई फौजियों और पुलिसवालों को ठग लिया Prayagraj News
कई फौजियों और पुलिसवालों को फर्जी जमीन दिखाकर एक ठग ने रकम हड़प ली है। मुकदमा दर्ज होने के बाद भी आरोपित नहीं पकड़ा गया। पुलिस की लापरवाही से डीआइजी नाराज हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। धूमनगंज इलाके में एक व्यक्ति ने जमीन सौदे के नाम पर कई फौजियों और पुलिसवालों को ठग लिया। उसने फर्जी जमीन दिखाकर एक करोड़ रुपये से ज्यादा ऐठ लिए। इसी क्रम में 52 लाख रुपये गंवाने वाले घुड़सवार पुलिस के सिपाही की सदमे से मौत भी हो चुकी है। जालसाज के खिलाफ धूमनगंज थाने में तीन मुकदमे लिखे गए मगर पुलिस ने गिरफ्तारी नहीं की। डीआइजी ने आरोपित व्यक्ति की गिरफ्तारी के साथ उसपर गैंगस्टर लगाने और विवेचकों की जांच तथा कार्रवाई का निर्देश दिया है।
डीआइजी से जालसाजी की शिकायत की थी
धूमनगंज इलाके में रहने वाले शैलेंद्र श्रीवास्तव, सेना के हवलदार लाल बिहारी तिवारी और पूर्व फौजी मुकेश कुमार मिश्र ने डीआइजी से मिलकर जालसाज की कारस्तानी के बारे में बताया। आरोप लगाया कि बमरौली में जमीन दिखाकर रजिस्ट्री के नाम पर जालसाज ने उन तीनों से छह लाख, 13 लाख और सात लाख रुपये ले लिए। उसे रकम चेक, नगद और आरटीजीएस के जरिए दी गई थी। बाद में पता चला कि जो जमीन दिखाई गई थी वह तो किसी और के नाम है।
पीडि़तों ने धूमनगंज थाने में केस दर्ज कराया
ठगी का पता चलने पर दबाव बनाया गया तो उसने पैसे वापस करने के लिए तीनों को निजी बैंक के चेक थमाए मगर ये चेक बैंक में बाउंस हो गए। तीनों पीडि़तों ने धूमनगंज थाने में धोखाधड़ी, जालसाजी, हेराफेरी के आरोप में तीन नामजद केस दर्ज कराया। अलग-अलग दारोगाओं को जांच सौंपी गई। सारे सुबूत होने के बावजूद अब तक उसकी गिरफ्तारी नहीं की गई है।
घुड़सवार पुलिस के एक कर्मचारी के भी 52 लाख रुपये हड़प लिए
इसी बीच पता चला कि इसी व्यक्ति ने घुड़सवार पुलिस के एक कर्मचारी के भी 52 लाख रुपये हड़प लिए। उस पुलिसकर्मी का पिछले साल दिसंबर में दिल का दौरा पडऩे से निधन हो गया। अब पत्नी पैसे के लिए भटक रही है। शिकायत पर डीआइजी भी हैरान रह गए। तीन मुकदमे और ठगी के सुबूत होने के बावजूद आरोपित विक्रम सिंह यादव की गिरफ्तारी न होने को उन्होंने गंभीरता से लिया। उन्होंने एसएसपी को फोन पर मौखिक के अलावा लिखित निर्देश भी दिया कि गैंगस्टर एक्ट के तहत भी केस लिखकर आरोपित की गिरफ्तारी की जाए। कई महीने बाद भी उसे गिरफ्तार नहीं करने वाले विवेचकों के खिलाफ भी जांच कराकर कार्रवाई की जाए।