प्रयागराज के पूर्व एसएसपी का निलंबन : जनपद के कई पुलिस कर्मी भी विजिलेंस टीम के रडार पर हैं
साथ ही इसकी भी छानबीन की जाएगी कि तीन महीने से कम कार्यकाल में तीन सौ से अधिक पुलिस वालों के तबादले किस आधार पर किए गए।
प्रयागराज, जेएनएन। भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित किए गए प्रयागराज के पूर्व एसएसपी अभिषेक दीक्षित के मामले में विजिलेंस टीम ने जांच शुरू कर दी है। कुछ पुलिस कर्मियों से जल्द पूछताछ की जाएगी। वित्तीय अनियमितता करने वाले इंस्पेक्टर व दारोगा भी विजिलेंस टीम के रडार पर हैं। कुछ अफसरों के बयान व आरोप से जुड़े साक्ष्य भी लिए जाने की तैयारी है।
भ्रष्टाचार के आरोप में पूर्व एसएसपी निलंबित हैं
आइपीएस अभिषेक दीक्षित पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने, माफिया के विरुद्ध कार्रवाई करने में हीलाहवाली करने और उच्चाधिकारियों के पत्रों का जवाब न देने समेत कई गंभीर आरोप लगे थे। खुफिया एजेंसी और एक अधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री के निर्देश पर उन्हें निलंबित किया गया था। आठ सितंबर को निलंबन के अगले ही दिन उनकी संपत्ति की जांच विजिलेंस से कराने और अनियमितता करने वाले पुलिस कर्मियों की जांच कराकर कार्रवाई करने के आदेश दिए गए थे।
लखनऊ से प्रयागराज पहुंची है विजिलेंस टीम
लखनऊ से विजिलेंस की एक टीम प्रयागराज आई है। टीम पूर्व एसएसपी पर लगे आरोपों की गोपनीय तरीके से जांच शुरू की है। कहा जा रहा है कि पोस्टिंग में पैसे के लेनदेन को लेकर अधिवक्ताओं के एक संगठन ने शिकायत की थी, जिस पर उच्चाधिकारी ने जवाब तलब किया था। एसएसपी की ओर से आख्या उपलब्ध नहीं कराई गई थी। विजिलेंस की टीम उस शिकायती पत्र को आधार बनाते हुए संबंधित पुलिस कर्मी व अधिकारी से पूछताछ करेगी। साथ ही इसकी भी छानबीन की जाएगी कि तीन महीने से कम कार्यकाल में तीन सौ से अधिक पुलिस वालों के तबादले किस आधार पर किए गए।
इन बातों की हो रही तफ्तीश
दागी पुलिस कर्मियों को भी थाना व चौकी का प्रभारी क्यों बनाया गया था? मुख्यमंत्री के निर्देश पर निलंबित किए गए दारोगा को चौकी प्रभारी बनाने के पीछे क्या कारण थे? ऐसे और भी कई तथ्य हैं, जिसकी तफ्तीश की जा रही है।