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Coronavirus News : ...यहां तो जांच कराने के आठ दिन बाद तक रिपोर्ट नहीं मिल पाती

अस्पताल में जांच के लिए घंटों भटकते रहते हैं। जांच हो भी गई तो हफ्ते भर तक रिपोर्ट नहीं आती। इससे सैंपल देने वाला व्यक्ति संक्रमण का तनाव लेकर घूमता रहता है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 11 Aug 2020 09:18 PM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 01:43 PM (IST)
Coronavirus News : ...यहां तो जांच कराने के आठ दिन बाद तक रिपोर्ट नहीं मिल पाती
Coronavirus News : ...यहां तो जांच कराने के आठ दिन बाद तक रिपोर्ट नहीं मिल पाती

प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना की दहशत हर ओर है। ऐसे में लोग अब बिना कहे ही अपनी जांच करा लेना चाहते हैं। इससे पडोसी जनपद  प्रतापगढ़ के जिला अस्पताल के ट्रू नाट जांच सेंटर पर भीड़ बढ़ गई है। हालात यह है कि यहां पर जांच कराने के आठ दिन बाद तक रिपोर्ट नहीं मिल पाती।

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सैंपल देने के बाद कई दिन तनाव में गुजारना मुश्किल

जिला अस्पताल में कोविड-19 की जांच कराना आसान नहीं है। यहां हर दिन सैंपल का इतना लोड रहता है कि सबकी जांच ही नहीं हो पाती। उनको कई दिन वहां आना पड़ता है। दरअसल इन दिनों लोग बुखार, खांसी, सांस लेने में दिक्कत महसूस होने पर घबरा जाते हैं। वह सीधे डॉक्टर के पास पहुंच जाते हैं। उनके द्वारा कोरोना की जांच लिखने के बाद भी लोग पर्चा लेकर अस्पताल में जांच के लिए घंटों भटकते रहते हैं। जांच हो भी गई तो हफ्ते भर तक रिपोर्ट नहीं आती। इससे सैंपल देने वाला व्यक्ति संक्रमण का तनाव लेकर घूमता रहता है।

कोरोना हेल्प डेस्क पर अक्‍सर नहीं मिलते कर्मचारी

कुछ दिनों से अस्पताल में सीएमएस डॉ. पीपी पांडेय कोरोना संक्रमित होने के चलते सीट पर नहीं बैठ रहे हैं। इसके चलते कर्मचारी अपने मन के हो गए हैं। यहां बना कोरोना हेल्प डेस्क सिर्फ नाम का ही है। अक्सर वहां पर कोई कर्मचारी मिलता ही नहीं। ऐसे में मरीजों को यह कौन बताए कि जांच कितने बजे कहां होगी, रिपोर्ट कब मिलेगी। इस बारे में सीएमओ डा. एके श्रीवास्तव का कहना है कि इस कमी को दूर किया जाएगा। समय से लोगों को रिपोर्ट देना अनिवार्य होगा।

मरीजों का दर्द

बलीपुर के दंपती ने मुंबई से आने के कारण अपनी जांच जरूरी समझी। दो दिन की मशक्कत के बाद जांच हो सकी। रिपोर्ट 10 दिन तक नहीं आई। तब तक पूरा परिवार परेशान रहा।

बाबागंज के युवक को खांसी, बुखार होने पर घर वाले जांच को ले गए। वहां सैंपल लेकर छोड़ दिया गया। इसके बाद न तो फोन पर कोई मैसेज आया, न ही कोई रिपोर्ट ही दी गई।

चिलबिला के एक व्यापारी को अपनी जांच रिपोर्ट नौ दिन बाद तब मिली, जब उन्होंने सीएमओ से लेकर डीएम तक से शिकायत की। जांच कक्ष के कर्मी आनाकानी कर रहे थे। 

अजीत नगर का ई-रिक्शा चालक सैंपल देकर घर बैठ गया। वह संक्रमित है कि नहीं यह पता लगने में 11 दिन लग गए। तब तक उसकी रोजी-रोटी बंद रही। उसकी सुनवाई नहीं हुई।


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