कौशांबी में विद्युतीकरण में खेल, आधे गांवों में पहुंची बिजली
अधिशासी अभियंता विद्युत अंकित कुमार ने बताया कि जिन गांवों में कार्य पूरा होने की रिपोर्ट आई है वहां जांच कराई जा रही है। अधूरे कार्य को जल्द पूरा कराया जाएगा। इसके लिए उप खंड अधिकारियों को निर्देश दिया गया है।
कौशांबी, जेएनएन। सौभाग्य योजना से जिले में कराए गए विद्युतीकरण के नाम पर बड़े पैमाने पर खेल किया गया है। जितने गांवों में विद्युतीकरण का लक्ष्य रखा गया। उनमें कई गांव ऐसे से जहां आधे-अधूरे काम किया गया है। लाइन न बनाने की वजह से बिजली आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इसकी वजह से ग्रामीण विद्युत संचालित यंत्रों की सुविधा से वंचित है। शिकायत के बाद भी समस्या का निराकरण नहीं हो पा रहा है।
पंडित दीन दयाल उपाध्याय व सौभाग्य योजना से जिले के गांवों में विद्युतीकरण कराया गया है। पंडित दीनदयाल योजना से 1310 गांवों का विद्युतीकरण करना था। सौभाग्य योजना से जिले के करीब 1688 मजरों में विद्युतीकरण कराने के साथ ही लोगों को मुफ्त में कनेक्शन दिया जाना था। काम की जिम्मेंदारी कार्यदाई संस्था मेसर्स विश्वनाथ व एलएंडटी खर्च किया और सभी मजरों में ही काम कराए जाने का दावा किया।
जिसमें कंपनी की तरफ से आठ सौ मीटर तार और पांच सौ नए ट्रांसफार्मर लगाने का दावा किया गया, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। मंझनपुर तहसील के अलवारा गांव में पहले विद्युतीकरण किया गया था।
कुछ मुहल्लों में पहले पोल लगाकर लाइन नही बनाई गई थी। इन मुहल्लों में सौभाग्य योजना से विद्युतीकरण कराने का स्टीमेट तैयार किया गया है। अलवारा कृपा शंकर, दिनेश कुमार, राजू का कहना है कि जिस बस्ती में लाइन नहीं बनाई गई है। वहां के लोगों को चिराग की रोशनी में रात बिताना पड़ रहा है। इसी प्रकार विद्युत उपकेंद्र सिराथू क्षेत्र के रूपनारायणपुर गोरियों गांव के अमित, रमेश पटले व नरेश सोनी का कहना है कि आधा अधूरा विद्युतीकरण किया गया है। इसकी शिकायत ग्रामीणों ने अधिकारियों से की थी। इसके बाद भी समस्या का निराकरण नहीं हो पा रहा है। अधिशासी अभियंता विद्युत अंकित कुमार ने बताया कि जिन गांवों में कार्य पूरा होने की रिपोर्ट आई है वहां जांच कराई जा रही है। अधूरे कार्य को जल्द पूरा कराया जाएगा। इसके लिए उप खंड अधिकारियों को निर्देश दिया गया है।