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अपहरण, पुलिस मुठभेड़ और आरोपित की गोली से मौत मामले की मजिस्ट्रेटी जांच Prayagraj News

सेंट जोसफ के छात्र का अपहरण कर भाग रहा अपहर्ता पुलिस मुठभेड़ में ढेर हो गया था। अपहर्ता के परिजनों ने पुलिस पर झूठा मुठभेड़ का आरोप लगाया था। मामले में मजिस्‍ट्रटी जांच शुरू हो गई है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 17 Aug 2019 11:55 AM (IST)Updated: Sat, 17 Aug 2019 06:03 PM (IST)
अपहरण, पुलिस मुठभेड़ और आरोपित की गोली से मौत मामले की मजिस्ट्रेटी जांच Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। 21 मई को रणवीर सिंह पुत्र अभिषेक सिंह के अपहरणकर्ता संजय यादव निवासी गांव कटका झूंसी की पुलिस से मुठभेड़ हुई थी। उस दौरान संजय की मौत हो गई थी। इस मामले की अब मजिस्ट्रेटी जांच हो रही है। संजय की मौत के मामले में हंडिया के उप जिला मजिस्ट्रेट सुभाष चंद्र यादव को जांच सौपी गई है। उन्होंने बताया कि घटना से संबंधित जिस किसी भी व्यक्ति को अपना लिखित एवं मौखिक कथन दर्ज कराना हो वह उप जिला मजिस्ट्रेट हंडिया के कार्यालय में 23 अगस्त को दोपहर 12 से एक बजे तक अपना बयान दर्ज करा सकता है।

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सेंट जोसेफ कॉलेज के छात्र का संजय ने किया था अपहरण

सेंट जोसेफ कालेज में कक्षा एक में पढऩे वाले छह साल के रणवीर सिंह को 21 मई की शाम अगवा कर लिया गया। ठेकेदार अभिषेक सिंह का बेटा बीएचएस के बगल जिमनास्टिक सीखने आया था। शाम सवा छह बजे ठेकेदार का पुराना ड्राइवर संजय यादव उसे कार से अगवा कर ले गया। तीन करोड़ फिरौती मांगने वाले अपहर्ता के पीछे लगी पुलिस टीमों ने उसे भदोही के सुरियावां में घेर लिया था।

अपहर्ता ने फायरिंग की तो पुलिस की गोली से ढेर हुआ

अपहर्ता कार से फायरिंग करने लगा, जवाबी कार्रवाई में बदमाश के सिर में गोली लगी, जिससे उसकी मौत हो गई। अपहर्ता को पुलिस की गोली लगी या फिर उसने खुद को शूट किया, यह साफ नहीं है। फिलहाल बच्चा सकुशल बरामद कर लिया गया है। एसएसपी अतुल शर्मा ने कहा था कि अपहर्ता को पुलिस की गोली लगी या उसने खुद को गोली मारी, इसकी जांच की जा रही है।

रोड पर हुए लाइव एनकाउंटर पर परिजनों ने लगाए थे आरोप

रणवीर का अपहरण फिल्मी कहानियों सरीखा हुआ था। पुराने ड्राइवर ने साजिश रचकर बच्चे को अगवा किया। इसके बाद पुलिस सक्रिय हुई और लोकेशन ट्रेस कर सुरियावां पहुंचने पर लाइव एनकाउंटर शुरू कर दिया।

भदोही रूट पर भागते वक्त ही अपहर्ता संजय यादव को एहसास हो गया कि पुलिस पीछे लगी है। उसने गाड़ी की स्पीड बढ़ा दी। चूंकि कार में बच्चा था इसलिए पुलिस टीमें दूर से ही पीछा कर रही थीं। सुरियावां मोड़ पर अपहर्ता ने फायरिंग कर पुलिस को डराने की कोशिश की। क्राइम ब्रांच ने संजय की कार को निशाना बनाया। दोनों टायर में गोली मारी गई। टायर पंचर होने के बाद भी बदमाश कार दौड़ाता रहा। इस बीच अपहर्ता मार गिराया गया। पुलिस की यह कहानी संजय के परिजनों को सही नहीं लगी। उन्‍होंने पुलिस पर फर्जी एनकाउंटर का आरोप भी लगाया था। इस मामले की मजिस्‍ट्रेटी जांच हो रही है।


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