Magh Mela-2020 : अधूरी तैयारियों के बीच इस बार भी शुरू होगा माघ मेला Prayagraj News
जमीन और सुविधा पर्ची के लिए बड़ी संख्या में संस्था संचालक माघ मेला प्रशासन के कार्यालय के रोज ही चक्कर लगा रहे हैैं। बताते हैैं कि जमीन मिलने पर ही वे टेंट लगा सकेंगे।
प्रयागराज,जेएनएन । इस बार माघ मेला आधी-अधूरी तैयारियों के बीच ही शुरू होगा। वजह यह है कि अभी कई विभागों की तैयारियां काफी बाकी हैं। खासतौर पर जल निगम, स्वास्थ्य विभाग, सिंचाई विभाग बाढ़ खंड की तैयारी काफी पीछे है।
दस जनवरी से शुरू होगा माघ मेला
माघ मेला के श्रीगणेश होने में अब मात्र नौ दिन ही शेष हैैं। पौष पूर्णिमा को 10 जनवरी से माघ मेला शुरू हो जाएगा। 25 दिसंबर को ही तैयारियों को पूरा करने की तिथि निर्धारित की गई थी लेकिन अब भी काम काफी बाकी है। खासतौर पर सेक्टर तीन, चार और पांच में काफी काम बचा है। इन सेक्टरों में अब भी काफी संख्या में संस्थाओं को जमीन नहीं आवंटित हो सकी है, जिसके कारण संस्था अपने तंबू नहीं लगा पा रहे हैैं। जमीन और सुविधा पर्ची के लिए बड़ी संख्या में संस्था संचालक माघ मेला प्रशासन के कार्यालय के रोज ही चक्कर लगा रहे हैैं। बताते हैैं कि जमीन मिलने पर ही वे टेंट लगा सकेंगे और अब कुछ ही दिन शेष हैैं, ऐसे में टेंट आदि सुविधाओं की व्यवस्था करने में उन्हें मुश्किल होगा। आपूर्ति विभाग की कोटे की दुकानें भी अभी नहीं व्यवस्थित हो सकी हैैं। सेक्टर चार और पांच में कई स्थानों पर चकर्ड प्लेट की सड़कें भी नहीं बन सकी हैैं। संगम के पास तो स्नान घाट बना दिए गए हैैं मगर अभी गंगा के घाट नहीं बनाए जा सके हैैं।
जल निगम की नहीं बिछ सकी पाइप लाइन
जल निगम की ओर से अब भी कई इलाकों में पाइप लाइन नहीं बिछाई जा सकी है, जिसके कारण जलापूर्ति मुश्किल होगा। पीडब्ल्यूडी का एक पांटून पुल भी अभी नहीं बन सका है। अधिशासी अभियंता सुनील कुमार कठेरिया का कहना है कि दलदल और कटान के कारण त्रिवेणी पांटून पुल में पीपे बढ़ाए जा रहे हैैं, जिसके कारण इसके काम में देरी हुई। शुक्रवार को इस पुल पर आवागमन शुरू करा दिया जाएगा। मेलाधिकारी रजनीश कुमार मिश्र ने बताया कि कामों में तेजी लाने के लिए कड़े निर्देश संबंधित विभागों के अफसरों को दिए गए हैैं।
पीडब्ल्यूडी का शिविर भी कटान की जद में
गंगा में कटान तेज होती जा रही है। सेक्टर पांच में लोक निर्माण विभाग का शिविर भी कटान की जद में आ गया है। अब तक कई विद्युत पोल भी कटान में आ चुके हैैं। यही नहीं माघ मेला की लगभग तीन सौ बीघा जमीन भी कटान से कट गई है। सिंचाई विभाग बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता बृजेश कुमार का कहना है कि गंगा का जलस्तर कम नहीं हो रहा है। पहले से ज्यादा जल होने के कारण कटान जोरों पर है। इस पर नियंत्रण के प्रयास हो रहे हैैं।