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Magh Mela 2022: आचार्य नगर की जमीन नहीं बढ़ाने से महात्मा चिंतित, चार दिसंबर को बैठक

माघ मेला बसाने के लिए बांध के नीचे जमीन का समतलीकरण युद्ध स्तर पर चल रहा है। चंद दिनों बाद संतों व संस्थाओं को शिविर लगाने के लिए भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसके पहले आचार्यनगर से जुड़े महात्माओं ने आमसभा बुलाई है।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Tue, 23 Nov 2021 03:54 PM (IST)Updated: Tue, 23 Nov 2021 03:54 PM (IST)
माघ मेला के लिए श्रीरामानुज नगर प्रबंध समिति आचार्यबाड़ा की बैठक चार दिसंबर को

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। संगम तीरे तंबुओं की नगरी बसाने के लिए बांध के नीचे जमीन का समतलीकरण युद्ध स्तर पर चल रहा है। चंद दिनों बाद संतों व संस्थाओं को शिविर लगाने के लिए भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसके पहले आचार्यनगर से जुड़े महात्माओं ने आमसभा बुलाई है। पिछले कुछ सालों में आचार्यनगर में महात्माओं की संख्या बढ़ी है। उसके अनुरूप जमीन व सुविधा न बढऩे पर महात्मा चिंतित हैं। समस्याओं पर मंथन करने व जमीन-सुविधा बढ़वाने को लेकर चार दिसंबर को श्रीरामानुज नगर प्रबंध समिति आचार्य नगर (आचार्यबाड़ा) की प्रयागराज में बैठक होगी। उल्लेखनीय है कि माघ मेला में तैयारी चल रही है। पुलिस और प्रशासन की ओर से सुरक्षा और सुविधा के इंतजाम किए जा रहे हैं।

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आचार्यनगर में रामानुज सम्प्रदाय के महात्माओं का शिविर लगता है

माघ मेला क्षेत्र के आचार्यनगर में रामानुज सम्प्रदाय के महात्माओं का शिविर लगता है। ये भगवान विष्णु के लक्ष्मी-नारायण, लक्ष्मी वेंटकटेश, वैकुंठनाथ भगवान की आराधना करते हैं। श्रीरामानुज नगर प्रबंध समिति आचार्य नगर (आचार्यबाड़ा) के जरिए महात्माओं को जमीन व सुविधा मिलती है। प्रशासन 2017 से समिति को 78 बीघा जमीन दे रहा है। तब 209 शिविर लगते थे। इधर, शिविर अध्यक्षों की संख्या बढ़कर 240 से अधिक हो गई है, लेकिन जमीन व सुविधाएं उतनी ही मिल रही है। समिति के महामंत्री स्वामी अखिलेशाचार्य व कोषाध्यक्ष जगद्गुरु घनश्यामाचार्य का कहना है कि महात्माओं की बढ़ी संख्या को देखते हुए कम से कम 150 बीघा जमीन की जरूरत है। प्रशासन से उसी के अनुरूप जमीन व सुविधाओं की मांग की जाएगी।

मथुरा, काशी, अयोध्या के साधु-संत होंगे बैठक में शामिल

बताया कि चार दिसंबर को वैष्णव आश्रम (रामदेशिक) दारागंज में प्रस्तावित बैठक में हरिद्वार, वृंदावन, चित्रकूट, वाराणसी, अयोध्या के महात्मा शामिल होंगे। उसमें माघ मेला-2022 में जमीन बढ़ाने के साथ आचार्यनगर में चकर्डप्लेट, सफाई, नाली, पेयजल, शौचालय व चिकित्सा की व्यवस्था उपलब्ध कराने को लेकर प्रस्ताव पारित करके प्रशासन को दिया जाएगा। जिससे उसके अनुरूप समस्त कार्रवाई हो सके।


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