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Magh Mela 2021 : संगम तीरे होगा ' कॉमन सिविल कोड ' पर मंथन Prayagraj News

भारत में इसे जल्द लागू करने को खाका तैयार करेंगे। अखिल भारतीय दंडी संन्यासी परिषद के मुख्य संरक्षक जगद्गुरु स्वामी महेशाश्रम ने बताया कि संविधान में जाति-धर्म के नाम पर भेद करने की छूट नहीं है। लेकिन राजनीतिक दल वोट की लालच में भेद कर रहे हैं।

By Rajneesh MishraEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 05:00 PM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 05:00 PM (IST)
Magh Mela 2021 : संगम तीरे होगा ' कॉमन सिविल कोड ' पर मंथन Prayagraj News
'एक देश-एक कानून' की आवाज संगम तीरे से मुखर होगी।

प्रयागराज,जेएनएन। देश में समान नागरिक संहिता की आवाज संगम तीरे से मुखर होगी। माघ मेले में धर्माचार्य 'कामन सिविल कोड' की सार्थकता पर चर्चा करेंगे। इसमें कल्पवासी भी शामिल होंगे। संत 'कामन सिविल कोड' की उपयोगिता के बारे में बताकर कल्पवासियों से राय मांगेंगे। फिर सामूहिक राय पर प्रस्ताव पारित कर राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को भेजकर व्यवस्था की मांग की जाएगी।

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तीर्थराज प्रयाग में माघ मास में साधना करने के लिए आने वाले संत-महात्मा हर साल राष्ट्रीय व धार्मिक मुद्दों पर चर्चा करके उसी के अनुरूप जनजागरण चलाते हैं। पिछले कई सालों तक कश्मीर से धारा 370 के खात्मे, श्रीरामजन्मभूमि में मंदिर निर्माण, गंगा की निर्मलता, गोवध रोकने जैसे मुद्दों पर संत हुंकार भरते रहे हैं। अब 'कामन सिविल कोड' पर मंथन का निर्णय लिया है। दंडी स्वामीनगर में 29 जनवरी को इस विषय पर चर्चा करेंगे।  दो फरवरी को विश्व पुरोहित परिषद ने 'जब देश एक, नागरिक समानता पर कानून अलग-अलग क्यों?' विषय पर धर्माचार्यों की बैठक बुलाई है। विश्व पुरोहित परिषद  के अध्यक्ष डॉ. बिपिन पांडेय ने कहा कि देश को एकता के सूत्र में पिरोने के लिए कामन सिविल कोड लागू करना जरूरी है। पाकिस्तान, बांग्लादेश, तुर्की जैसे इस्लामिक राष्ट्र उसे मान रहे हैं। भारत में इसे जल्द लागू करने को खाका तैयार करेंगे। अखिल भारतीय दंडी संन्यासी परिषद के मुख्य संरक्षक जगद्गुरु स्वामी महेशाश्रम ने बताया कि संविधान में जाति-धर्म के नाम पर भेद करने की छूट नहीं है। लेकिन, राजनीतिक दल वोट की लालच में भेद कर रहे हैं। कामन सिविल कोड के लिए माघ मेला में संत प्रारूप तैयार करेंगे।

कल्पवासियों के जरिए बढ़ेगी मुहिम

कामन सिविल कोड पर संत राष्ट्रव्यापी जनजागरण का खाका तैयार करेंगे। कल्पवासियों को हर पहलू से अवगत कराएंगे। उनके जरिए मुद्दे को उनके गांव व कस्बे में पहुंचाया जाएगा। माघ मेला के बाद संत कल्पवासियों के गांव जाकर इस मुद्दे पर प्रवचन देंगे।

सियासत से रहेंगे दूर

संत कामन सिविल कोड पर किसी राजनीतिक दल का समर्थन नहीं लेंगे। न ही अपने मंच पर किसी दल के नेता को आमंत्रित करेंगे। वे सरकार पर दबाव बनाने के लिए जनता को एकजुट करेंगे। सालभर में अलग-अलग प्रदेशों का भ्रमण करके लोगों तक अपनी बात पहुंचाएंगे। जनता के जरिए समाज के हर वर्ग में उक्त मुद्दे पर चर्चा छेड़ी जाएगी। 


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