Magh Mela 2021 : गंगा जल कम और प्रदूषित भी, अधिकारियों का दावा, साफ है गंगा का जल Prayagraj News
Magh Mela 2021 मेला क्षेत्र में रामघाट के सामने नदी की धारा बंट गई और रेती दिखने लगी है। वहीं अधिकारियों का दावा इससे उलट है। सिंचाई विभाग के अधिकारी ने बताया कि फाफामऊ में गंगा का जलस्तर सोमवार को 76.61 मीटर है।
प्रयागराज, जेएनएन। दो दिन बाद माघ मेले का पहला स्नान पर्व मकर संक्रांति है। न गंगा जल साफ है और न पर्याप्त। तैयारियां भी आधी-अधूरी। मेला क्षेत्र में कुछ घाटों को बनाने के लिए सोमवार को बालू हटाई जा रही थी। राम घाट समेत कई घाटों पर रेत दिखाई दे रही है, वहां डुबकी लगाना तो दूर आचमन के लायक भी पानी नहीं है। इसके लिए प्रशासन की ओर से कोई प्रयास नहीं किया गया। अभी भी कई स्थानों पर नाले सीधे गंगा में गिर रहे हैं। इतना ही नहीं एसटीपी के बगल से भी नाले का पानी गंगा में गिराया जा रहा है। बावजूद इसके, अफसरों का दावा है कि जल साफ है और पर्याप्त भी।
रामघाट के सामने दिखने लगी है रेती
मकर संक्रांति पर लाखों श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने आएंगे। इसी स्नान के साथ ही माघ मेेले का आगाज हो जाएगा। स्नान पर्व को देखते हुए गंगा जल की निर्मलता पर सवाल उठ रहा है। प्रदूषण के बीच गंगा में पानी कम होने से गंदगी भी दिखने लगी है। मेला क्षेत्र में रामघाट के सामने नदी की धारा बंट गई और रेती दिखने लगी है। वहीं अधिकारियों का दावा इससे उलट है। सिंचाई विभाग के अधिकारी ने बताया कि फाफामऊ में गंगा का जलस्तर सोमवार को 76.61 मीटर है। माघ मेला में जल स्तर लगभग यही रहता है।
नरौरा से प्रतिदिन छोड़ा जा रहा है कि पांच हजार क्यूसिक पानी
रोजाना नरौरा से चार से पांच हजार क्यूसिक पानी छोड़ा जा रहा है। अभी पानी पर्याप्त है। स्नान पर्व के दिन पानी बढ़ जाएगा। वहीं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रभारी अधिकारी प्रदीप विश्वकर्मा ने बताया कि गंगा जल मानकों के अनुसार है। गंगा जल का पीएच 8.2, डीओ (डिजाल्व आक्सीजन) 9.7 मिलीग्राम प्रति लीटर, बीओडी (बायोकेमिकल आक्सीजन डिमांड) 2.8 और कलर 20 हैं। उन्होंने बताया कि गंगा जल स्नान के लायक है।