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बच्चे छोड़ दो वरना मैं सांसद ही नहीं माफिया डॉन भी हूं

ट्रेन से उतारे बच्चों को छोड़ाने को बिहार के सांसद ने दबाव बनाया। सीमांचल एक्सप्रेस में 13 नाबालिग बच्चों को संदेह के आधार पर उतार बाल कल्याण समिति को सौंपा गया था। उन्हें छुड़ाने को बिहार के एक सांसद ने रेलवे मजिस्ट्रेट को फोन पर धमकी दी। -पकड़े गए थे 13 बच्चे

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Jul 2018 08:02 AM (IST)Updated: Sat, 21 Jul 2018 08:02 AM (IST)
बच्चे छोड़ दो वरना मैं सांसद ही नहीं माफिया डॉन भी हूं
बच्चे छोड़ दो वरना मैं सांसद ही नहीं माफिया डॉन भी हूं

रमेश यादव, इलाहाबाद : सीमांचल एक्सप्रेस में जिन 13 नाबालिग बच्चों को संदेह के आधार पर उतारकर बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के हवाले किया गया था, उन्हें छुड़ाने के लिए बिहार के एक सांसद ने रेलवे मजिस्ट्रेट और सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष को फोन पर धमकी दी। हालांकि मजिस्ट्रेट ने बच्चों को छोड़ने से इन्कार कर दिया।

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बीती 18 जुलाई को इलाहाबाद में पकड़े गए इन बच्चों को छुड़ाने के लिए आए एक शख्स ने अपने मोबाइल पर सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष की बात कथित सांसद से कराई। सांसद की सीवीसी अध्यक्ष कमलेश सिंह से तीखी नोकझोंक हुई। सांसद ने बच्चों को तत्काल छोड़ने के लिए कहा तो अध्यक्ष ने कहा कि वे नियमों का हवाला दिया। आरोपित है कि इस पर कथित सांसद ने कहा कि वे केवल सांसद ही नहीं हैं माफिया डॉन भी हैं। सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष ने उन्हें जवाब दिया कि वे दबाव में नहीं आएंगे और कागजी कार्रवाई पूरी किए बिना बच्चों को ऐसे किसी के हवाले नहीं कर सकते। सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष ने कहा कि वह इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। इसकी शिकायत गृह मंत्रालय से लेकर मुख्यमंत्री और डीजीपी से भी करेंगे।

क्या है मामला

18 जुलाई को सीमांचल एक्सप्रेस जब इलाहाबाद जंक्शन पर खड़ी हुई तो कोच एस-फाइव में चाइल्ड लाइन कर्मियों को आठ से 14 साल तक के 13 बच्चे मिले। बिहार के अररिया जिले के थाना जोविहार अंतर्गत गांव अजबा निवासी इन बच्चों ने यह बताया कि वे दिल्ली में मदरसे में पढ़ने जा रहे हैं, लेकिन वे मदरसे का नाम पता नहीं बता पाए। बाल मजदूरी अथवा ह्यूमन ट्रैफिंकिंग के संदेह में चाइल्ड लाइन के सदस्य रघुनाथ राय ने सभी बच्चों को ट्रेन से उतारकर सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष-मजिस्ट्रेट कमलेश सिंह के समक्ष पेश किया। जहां से उन्हें खुल्दाबाद स्थित बाल संरक्षण गृह में भेज दिया गया। शुक्रवार को मो इब्राहिम-मोहम्मद सिरमान पुत्र वसीद, गुलफराज पुत्र सुलेमान, दिलबर पुत्र आरिफ को लिखा पढ़ी के बाद उनके परिजनों को सौंप दिया गया। बाकी नौ के परिजनों का इंतजार किया जा रहा है। दिल्ली के मदरसा संचालक करने आए पैरवी

दिल्ली के जिआउद्दीन नया मुस्तफा के मदरसा संचालक मोहम्मद इरफान भी इन बच्चों के मसले को लेकर इलाहाबाद आए। उन्होंने सीडब्ल्यूसी से बच्चों को छोड़ने की पैरवी की। उनसे भी सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष ने यही कहा कि वह बच्चों को उनके परिवार वालों को ही सौंपेंगे।


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