डॉ. सत्यपाल सिंह के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन का दर्ज मुकदमा वापस
राज्य सरकार ने डॉ. सत्यपाल सिंह पर दर्ज केस वापस ले लिया है। एमपी एमएलए कोर्ट में मुकदमे को निर्णीत कर दिया गया। वह बागपत के सांसद और मोदी सरकार में मंत्री रहे हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। बागपत के सांसद और मोदी सरकार में मंत्री रहे डॉ. सत्यपाल सिंह के खिलाफ दर्ज आचार संहिता उल्लंघन का मुकदमा राज्य सरकार ने वापस ले लिया है। मंगलवार को एमपीएमएलए स्पेशल कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने मुकदमे को निर्णीत करते हुए दाखिल दफ्तर कर दिया। मुकदमा वापस लेने की राज्यपाल की संस्तुति कोर्ट में पहुंच गई है।
गाजियाबाद जिले का है मामला
यह मामला गाजियाबाद जिले के थाना निवाड़ी का है। पांच अप्रैल 2014 को दर्ज की गई रिपोर्ट में कहा गया था कि भाजपा प्रत्याशी सत्यपाल सिंह ने अपने सौ से डेढ़ सौ समर्थकों के साथ कई जगह बिना अनुमति जनसभा की। इसे आचार संहिता का उल्लंघन माना गया। शासकीय अधिवक्ता हरि ओंकार सिंह, लाल चंदन, राधा कांत मिश्र, राजेश गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि शासन ने मुकदमा वापस ले लिया है। इस संबंध में राज्यपाल की संस्तुति भी मिल गई है।
मायावती के ओएसडी की जमानत मंजूर
पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती के विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) मेवा लाल गौतम ने एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट में समर्पण कर दिया। विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने जमानत की शर्तों को पूरा करने पर उन्हें रिहा करने का आदेश दिया।
क्या है मामला
यह मामला 21 जुलाई 2016 को लखनऊ के हजरतगंज थाने में दर्ज हुआ था। प्रदर्शन के दौरान हंगामा करने में पूर्व मुख्यमंत्री के विशेष कार्याधिकारी मेवा लाल गौतम के अलावा पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी, रामअचल राजभर आदि के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन और रामअचल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी है। प्रकरण में मंगलवार को मेवा लाल गौतम ने समर्पण कर जमानत मंजूर करा ली।
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