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दुर्लभ संयोग लेकर आएगा कुंभ, श्रद्धालुओं पर बरसेगा 'अमृत'

5 जनवरी को सूर्य मकर राशि में प्रवेश करके 14 फरवरी 2019 तक उसी में रहेंगे। वृहस्पति उस समय वृश्चिक राशि में संचरण कर होंगे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Oct 2018 06:55 AM (IST)Updated: Sun, 28 Oct 2018 06:55 AM (IST)
दुर्लभ संयोग लेकर आएगा कुंभ, श्रद्धालुओं पर बरसेगा 'अमृत'
दुर्लभ संयोग लेकर आएगा कुंभ, श्रद्धालुओं पर बरसेगा 'अमृत'

प्रयागराज : जप, तप व त्याग का प्रतीक कुंभ मेला में दुर्लभ संयोग लेकर आएगा। सदियों बाद पहला मौका है जब कुंभ के तीन स्नान पर्व सोमवार को होंगे, जिसमें मौनी अमावस्या भी है। सोमवती अमावस्या पर संगम में डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं को 'अमृत' प्राप्ति के समान पुण्य की प्राप्ति होगी। ज्योतिर्विद बताते हैं कि हर स्नान पर्व पर ग्रह-नक्षत्रों की अद्भुत जुगलबंदी बन रही है, जो मनोवांछित फल की प्राप्ति कराएगा।

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ज्योतिर्विद आचार्य अविनाश बताते हैं कि 15 जनवरी को सूर्य मकर राशि में प्रवेश करके 14 फरवरी 2019 तक उसी में रहेंगे। वृहस्पति उस समय वृश्चिक राशि में संचरण कर होंगे। वृहस्पति की पांचवीं, सातवीं व नौवीं दृष्टि में अमृत (जीवनी शक्ति) होता है। मकर राशि के सूर्य की सातवीं पूर्ण दृष्टि कर्क राशि में पड़ेगी, जहां पर वृहस्पति की पहले से नौवीं पूर्ण दृष्टि कर्क राशि में पड़ रही है। यह संयोग माहभर बना रहेगा। स्नान पर्वो पर रहेगा अद्भुत संयोग :

ज्योतिर्विद आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी बताते हैं कि मकर संक्रांति 14 जनवरी रात 2.12 बजे लगेगी। यहीं से सूर्य उत्तरायण होंगे, जिससे देवताओं के दिन व दैत्यों की रात्रि आरंभ होगी। सोमवार को पड़ने वाले पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व पर चंद्रमा अपनी राशि कर्क में संचरण करेंगे, जबकि पुष्य नक्षत्र पुण्य के प्रभाव को बढ़ाएगा। वह बताते हैं कि चार फरवरी को श्रद्धालुओं को सोमवती अमावस्या का दुर्लभ संयोग मिलेगा। अमावस्या तीन फरवरी की रात 11.12 बजे लगकर चार फरवरी की रात 1.13 बजे तक रहेगी। इसमें चंद्र का योग होने से अमृत योग बनेगा। सूर्य और चंद्रमा मकर राशि में संचरण करेंगे। श्रवण नक्षत्र है, सिद्धि योग का संयोग बनेगा। वहीं वसंत पंचमी का स्नान दस फरवरी रविवार को होगा। पंचमी तिथि नौ फरवरी की सुबह 8.55 बजे लगकर रविवार को 9.59 बजे तक रहेगी। शुक्र व शनि धनु राशि में रहेंगे। शुक्र के शिष्य शनि हैं। जो साधकों के लिए शुभकारी है। इसके बाद माघी पूर्णिमा का स्नान 19 फरवरी मंगलवार को होगा। पूर्णिमा 18 की रात 11.50 बजे लगकर 19 की रात 9.36 बजे तक रहेगी। यहीं से अधिकतर कल्पवासियों का कल्पवास भी समाप्त होगा। मंगलवार को धार्मिक अनुष्ठान खत्म होना शुभ होता है। कुंभ का अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि चार मार्च सोमवार के दिन पड़ेगा। सोमवार शिव का दिन होता है। श्रवण नक्षत्र, परिघ व शिव का योग रहेगा। गुरु व चंद्रमा धनु राशि में संचरण करके श्रद्धालुओं पर पुण्य की वर्षा करेंगे। कुंभ के प्रमुख स्नान पर्व :

-15 जनवरी मंगलवार : मकर संक्रांति

-21 जनवरी सोमवार : पौष पूर्णिमा

-चार फरवरी सोमवार : मौनी अमावस्या

-दस फरवरी रविवार : वसंत पंचमी

-19 फरवरी मंगलवार माघी पूर्णिमा

-चार मार्च सोमवार महाशिवरात्रि


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