स्वतंत्रता के सारथी : ...उन्हें जिंदगी में हर मोड़ पर चुनौतियों से गुजरना पड़ा Prayagraj News
आशा कार्यकर्ता के पद पर कार्यरत किरन कुशवाहा स्वस्थ समाज की अलख जगा रही हैं। जरूरतमंदों के लिए वह एक आशा की किरन हैं। लोगों की चौखट पर स्वास्थ्य विभाग की योजनाएं पहुंचा रहीं हैं।
प्रयागराज, एनएन। एक हादसे में बायां हाथ कट गया। जिंदगी में हर मोड़ पर उन्हें चुनौतियों से होकर गुजरना पड़ा। कठिन परिश्रम से उन्होंने स्नातक तक की पढ़ाई पूरी की। एक हाथ न होने से नौकरी की गुंजाइश भी बहुत कम थी। उनमें समाज के लिए कुछ करने का जुनून जरूर था। आशा कार्यकर्ता पद की भर्ती निकली तो आवेदन किया। इनका चयन हुआ और यहीं से उन्हें समाज के लिए कुछ करने का एक प्लेटफार्म मिल गया। यहां हम बात कर रहे हैं किरन कुशवाहा की, जो शहर से सटे बेगम सराय इलाके में आशा कार्यकर्ता हैं।
जरूरतमंदों के लिए एक आशा हैं किरन
सिर्फ इनका नाम ही किरन नहीं है, बल्कि यह जरूरतमंद महिलाओं के लिए आशा की एक किरन भी हैं। महिलाओं व बच्चों की सेहत से जुड़ा कोई मामला होता है तो पहले इन्हीं का नाम लिया जाता है। यह बिना किसी स्वार्थ के उनकी मदद करने पहुंच जाती हैं। यही कारण है कि क्षेत्र से लेकर स्वास्थ्य विभाग तक हर कोई इनकी सराहना करता है। गर्भवती महिलाओं का प्रसव कराना, उन्हें अस्पताल ले जाना, टीकाकरण कराना, नवजात का समय-समय पर टीकाकरण करने के लिए प्रेरित करना, परिवार नियोजन के लिए लोगों को जागरूक करना इनके कार्यों में शामिल है।
स्वास्थ्य विभाग सम्मानित कर चुका है
किरन ने अब तक 106 गर्भवती महिलाओं का प्रसव और 40 महिलाओं की नसबंदी भी कराई है। इनके कार्यों को देखते हुए इन्हें स्वास्थ्य विभाग की ओर से कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है। क्षेत्र की एएनएम सुनीता कहती हैं कि किरन का कार्य सराहनीय है। एक हाथ न होने के बावजूद यह अन्य आशाओं से बेहतर काम करती हैं।
बोलीं, स्वास्थ्य विभाग की प्रत्येक योजनाओं को आमजन तक पहुंचाना है प्रयास
किरन कुशवाहा ने कहा कि आशा कार्यकर्ता में चयन होने के पहले से समाजसेवा में सक्रिय हूं। प्रयास होता है कि स्वास्थ्य विभाग की प्रत्येक योजनाओं को आमजन तक पहुंचा सकूं। मैं खुद को किसी से कमजोर नहीं मानती।
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