कोर्ट की सख्ती के बाद एक्शन में आई खाकी
कोर्ट की सख्ती के बाद पुलिस और इविवि प्रशासन की नींद टूटी है। पुलिस और विश्वविद्यालय प्रशासन हॉस्टलों में ताबड़तोड़ छापेमारी में लगा है।
प्रयागराज : इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हॉस्टलों में चल रही दबंगई, गुंडई रोकने में अभी तक पुलिस व इविवि प्रशासन लापरवाह ही बना रहा। कोर्ट की सख्ती के बाद उनकी सक्रियता बढ़ी। हॉस्टलों में इस तरह का वॉश आउट कई सालों बाद दिखाई दिया।
हॉस्टलों में की गई बड़ी कार्रवाई
यह कोर्ट का ही असर था कि बुधवार भोर ही पुलिस अफसर पीएसी, आरएएफ लेकर निकल पड़े। सुबह छह बजे ताराचंद हॉस्टल में पुलिस की लेफ्ट राइट होने लगी। इविवि प्रशासन के अधिकारी भी रजिस्टर लेकर खाकी के साथ दिखाई दिए। अब तक महज पत्र लिखकर पल्ला झाड़ने वाले इविवि के अधिकारी बुधवार को अवैध छात्रों को खदेड़ते नजर आए। यदि यही एक्शन पुलिस इविवि प्रशासन अच्युतानंद हत्याकांड के बाद ले लेता तो रोहित शुक्ला हत्याकांड न होता और हर किसी की किरकिरी भी बच जाती।
हॉस्टलों में खुलेआम गुंडई सबको पता थी
हर किसी को पता है कि हॉस्टलों में खुलेआम गुंडई हो रही है। प्रयागराज ही नहीं पूर्वाचल के शूटरों, शातिरों को हॉस्टलों में ही पनाह मिलती है। सबकुछ जानकर अंजान बनने वाला इविवि प्रशासन महज पत्र लिख खानापूरी करता रहा है। चर्चा तो यहां तक है कि इविवि से जुड़े अधिकारियों ने छात्रों के कई गुटों को संरक्षण तक दे रखा है। विवाद खड़े होने पर यही छात्रनेता उनके पक्ष में खड़े होते हैं।
एक के बाद दो हत्या हुई पर नहीं टूटी थी नींद
इविवि प्रशासन पल्ला झाड़ता रहा तो पुलिस भी गहरी नींद में सोती रही। भले ही हत्या दर हत्या से कानून व्यवस्था पर सवाल उठे लेकिन खाकी ने अपने स्तर से एक्शन नहीं लिया। अब जब रोहित शुक्ला हत्याकांड के बाद हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर सवाल उठाए तो पुलिस अफसरों के साथ ही इविवि प्रशासन के अधिकारियों को होश आया। तत्काल योजना बनी। सुबह होते ही टीमें टूट पड़ीं। इस कार्रवाई से हॉस्टलों में चल रहे खेल की तस्वीर साफ हो गई। बम, असलहे, शराब की बोतलें अपनी कहानी खुद बयां कर रही हैं।
एसएसएल हॉस्टल में हो रही कार्रवाई
बुधवार को पीसीबी और ताराचंद हॉस्टल में पुलिस की कार्रवाई के बाद आज यानी गुरुवार को एसएसएल हॉस्टल में पुलिस और इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई शुरू हुई है। सभी कमरों को चेक किया जा रहा है। वहीं अवैध अंत:वासियों द्वारा कब्जा किए गए कमरों को खाली किया जा रहा है। इस दौरान सामान भी फेंक दिया जा रहा है। इस दौरान काफी संख्या में पुलिस फोर्स मौजूद है।