VHP गोरक्षा विभाग के केंद्रीय मंत्री वसुदेव पटेल का यह है गाे संरक्षण का मंत्र, प्रयागराज प्रवास पर हैं इन दिनों
VHP गोरक्षा विभाग के केंद्रीय मंत्री वसुदेव पटेल इन दिनों प्रयागराज दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने किसानों संग बैठक करके गो संरक्षण के प्रति जागरूक किया। साथ ही इसके उपाय भी बताए। उन्होंने किसान सम्मेलन का आयोजन नवंबर महीने में करने की भी जानकारी दी।
प्रयागराज, जेएनएन। विश्व हिंदू परिषद ने गो संरक्षण के लिए अभियान चलाया है। अपने गोरक्षा विभाग के माध्यम से गोशाला से किसानों के खूंटे तक गाय पहुंचाने का संकल्प लिया है। इसी कड़ी में गोरक्षा विभाग के केंद्रीय मंत्री वसुदेव पटेल तीन से सात अक्टूबर तक प्रयागराज प्रवास पर हैं। गाय के संरक्षण के प्रति उन्होंने सभी को जागरूक करने का भी प्रयास किया है।
गो संरक्षण के लिए विहिप गोरक्ष विभाग के केंद्रीय मंत्री कर रहे जागरूक
विहिप गोरक्ष विभाग के केंद्रीय मंत्री प्रयागराज के गंगापार, यमुनापार और कौशाबी के किसानों के साथ बैठक कर गो उत्पादों को बढ़ावा देने और गो संरक्षण के लिए प्रेरित कर रहे हैं। केसर भवन में हुई बैठक में वसुदेव पटेल ने बताया कि नवंबर से किसान सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। महीने भर में कुल 20 सम्मेलन होंगे। उसके बाद काशी प्रांत में एक बड़ा सम्मेलन भी होगा।
दिल्ली में हुई बैठक में तय हुई की कार्यक्रम की रूपरेखा
वसुदेव पटेल ने बताया कि इस कार्यक्रम की रूपरेखा दिल्ली में 13 सितंबर को हुई बैठक में तय की गई थी। इसमें पदाधिकारियों ने निर्देशित किया था कि जिला और प्रांत स्तर पर किसानों को जागरूक करने व गो उत्पादों से परिचित कराने के लिए अभियान चलाया जाए। इस मौके पर लालमणि तिवारी, बाबा धनंजय सिंह, अवधेश राय, राजेंद्र मिश्र, संजय सिंह, विष्णु श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।
किसानों के साथ बैठक कर दी सलाह
गीर गो कृपा अमृतम से फसलों की 26 बीमारियों का इलाज गंगापार के किसानों के साथ उन्होंने बैठक की। इसमें उन्होंने बताया कि गुजरात के किसान गोपाल ने गीर गो कृपा अमृतम उत्पाद बनाया है। इससे फसलों में लगने वाली 26 प्रकार की बीमारियों का इलाज संभव है। यह 11 तरह के खाद बनाने में भी सहायक है। बताया कि दो किलो मट्ठा, दो किलो गुड़ और 200 लीटर पानी मिलाकर इसे बनाया जा सकता है। यह जैविक उत्पाद है। फसलों को बीमारी से बचाने के साथ यह 40 तरह के लाभकारी बैक्टीरिया भी पैदा करता है। इस उत्पाद में कम से कम छह बैक्टीरिया रोक नियंत्रक होते हैं। यह उत्पाद हवा से नाइट्रोजन लेने में भी सहायक है।
पहले मिट्टी में मिलते थे दो करोड़ जीवाणु
गोरक्षा के केंद्रीय मंत्री ने बताया कि देश में हरित क्रांति आने से पहले मिट्टी में दो करोड़ सूक्ष्म जीवाणु मिलते थे। अब यह संख्या घटकर 50 हजार से भी कम हो गई है। यह काफी घातक है। गीर गो कृपा अमृतम के प्रयोग से इस जीवाणुओं को बढ़ाकर मिट्टी की सेहत को दुरुस्त किया जा सकता है।