Kumbh mela 2019 : स्वयंभू शंकराचार्यों को काशी विद्वत परिषद ने किया चिह्नित
काशी विद्वत परिषद ने स्वयंभू शंकराचार्यों को चिह्नित कर लिया है। 19 फरवरी को कुंभ मेला क्षेत्र में इनकी सूची जारी होगी।
शरद द्विवेदी, कुंभ नगर : बिना पीठ व परंपरा के खुद को शंकराचार्य के रूप में महिमा मंडित करने वाले धर्मगुरु जल्द बेनकाब होने वाले हैं। शंकराचार्य के चुनाव में अहम भूमिका निभाने वाली संस्था काशी विद्वत परिषद स्वयंभू शंकराचार्यों पर नकेल लगाने की तैयारी पूरी कर चुकी है। विद्वत परिषद ने देशभर के स्वयंभू शंकराचार्यों की सूची तैयार कर ली है। इसमें कई चौंकाने वाले नाम शामिल हैं। सारे नामों का खुलासा 19 फरवरी को कुंभनगरी प्रयाग में किया जाएगा। इसमें कथावाचकों के संत लिखने पर मनाही होगी।
देश में शंकराचार्यों की संख्या में निरंतर इजाफा हो रहा
सनातन धर्म की रक्षा के लिए आदि शंकराचार्य ने देश के चार कोनों में द्वारिका, ज्योतिष, श्रृंगेरी व पुरी पीठ की स्थापना की। हर पीठ के पीठाधीश्वर को शंकराचार्य लिखने का अधिकार दिया गया। इसके बावजूद देश में शंकराचार्यों की संख्या में निरंतर इजाफा हो रहा है। काशी विद्वत परिषद स्वयंभू शंकराचार्यों को महिमा मंडित करने के खिलाफ है।
स्वयंभू शंकराचार्यों से सनातन धर्म का अस्तित्व खतरे में : प्रो. राम नारायण
परिषद के मंत्री प्रो. राम नारायण द्विवेदी का कहना है कि स्वयंभू शंकराचार्यों से सनातन धर्म का अस्तित्व खतरे में पड़ रहा है। सनातन धर्मावलंबी इससे गुमराह हो रहे हैं। हमारा प्रयास देश में चतुष्पीठ परंपरा कायम करना है। इसके लिए स्वयंभू शंकराचार्यों की सूची तैयार कर ली गई है। इसमें 40 के लगभग स्वयंभू शंकराचार्यों के नाम सामने आए हैं। इनके नाम को सार्वजनिक करके लोगों से उन्हें शंकराचार्य के रूप में महत्व न देने की अपील होगी। साथ ही कथावाचकों के संत लिखने पर भी रोक लगाई जाएगी, क्योंकि वह संत परंपरा के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
...वरना विद्वत परिषद कोर्ट में दायर करेगा याचिका
विद्वत परिषद अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष, महामंत्री, 13 अखाड़ों के आचार्य महामंडलेश्वर, केंद्र व राज्य सरकार को सूची भेजकर स्वयंभू शंकराचार्यों व कथावाचकों को संत के रूप में महिमा मंडित न करने को कहेगा। अगर उस पर गौर न हुआ तो विद्वत परिषद कोर्ट में स्वतंत्र रूप से याचिका दायर करेगा।