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इविवि कुलपति प्रकरण की सशर्त जांच करेंगे जस्टिस अरुण टंडन

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रतनलाल हांगलू मामले की जांच जस्‍िटस अरुण टंडन करेंगे। उन्‍होंने प्रभारी कुलपति को इस संबंध में सहमति पत्र दिया।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 26 Sep 2018 01:27 PM (IST)Updated: Wed, 26 Sep 2018 01:27 PM (IST)
इविवि कुलपति प्रकरण की सशर्त जांच करेंगे जस्टिस अरुण टंडन
इविवि कुलपति प्रकरण की सशर्त जांच करेंगे जस्टिस अरुण टंडन

जासं, इलाहाबाद : इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रतनलाल हांगलू व एक महिला के बीच वाट्सएप चैट के स्क्रीन शॉट एवं ऑडियो वायरल मामले की जांच जस्टिस अरुण टंडन करेंगे। उन्होंने मंगलवार को प्रभारी कुलपति प्रो. केएस मिश्र से मुलाकात कर इस मामले की जांच करने को सहमति पत्र दिया। इस पत्र में उन्होंने कुछ शर्तें भी लगाई हैं। साक्ष्य देने का समय भी उन्होंने अब 29 सितंबर कर दिया है। अभी तक 26 सितंबर अंतिम तिथि रखी गई थी।

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प्रभारी कुलपति को दिए गए सहमति पत्र पर जस्टिस अरुण टंडन ने कहा है कि इस मामले की जांच में जो भी लोग साक्ष्य देने के इच्छुक हैं उन्हें इसके साथ एक शपथ पत्र भी देना होगा। पत्र में लिखा है कि कुलपति का कार्यालय लोक महत्व का कार्यालय होता है। ऐसे उच्च कार्यालय के मुखिया के बारे में यदि कोई आरोप है तो उसे शपथ पत्र के साथ देना होगा। कुलपति के खिलाफ बिना शपथ पत्र के दिए गए पत्र को स्वीकार नहीं किया जाएगा। ऐसे साक्ष्यों को प्रयोग में नहीं लाया जाएगा। आरोप लगाने वाले को आरोपों की पूरी जिम्मेदारी भी लेनी होगी। यदि कुलपति के ऊपर कोई आरोप दुर्भावना से लगाए जाते हैं तो ऐसे व्यक्ति के खिलाफ साक्ष्य के तौर पर प्रयोग होगा। 

विरोध में कम, सपोर्ट में आए ज्यादा साक्ष्य :

सूत्रों के मुताबिक अभी तक की जांच में असिस्टेंट रजिस्ट्रार देवेश गोस्वामी को जो साक्ष्य लोगों ने दिए हैं उसमें कुलपति के समर्थन में ज्यादा व विरोध में कम हैं। साक्ष्य देने वालों की संख्या कितनी है इसको तो विश्वविद्यालय नहीं बता सका, पर जनसंपर्क अधिकारी डॉ. चितरंजन कुमार सिंह ने बताया कि जांच अभी 29 तक चलेगी। विश्वविद्यालय गेस्ट हाउस में सुबह 11 बजे से दोपहर दो बजे के बीच कोई भी साक्ष्य दे सकता है।


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