Environment Day 2020 : मिलिए पर्यावरण प्रेमी जेपी सिंह से, अब तक लगा चुके हैं 82 हजार पौधे Prayagraj News
जिला उद्यान अधिकारी प्रतिभा पांडेय ने बताया कि जिले में व्यक्तिगत पौधे लगाने में जेपी सबसे आगे हैैं। इसके लिए उन्हें सरकार की ओर से सम्मानित किया जा चुका है।
प्रयागराज,जेएनएन। पर्यावरण दिवस यानी पांच जून को मिलिए ऐसे पर्यावरण प्रेमी जगदीश प्रसाद सिंह उर्फ जेपी से। जिनको पौधे रोपने का जैसे जुनून सवार है। पिछले 14 वर्षों में उन्होंने 82 हजार पौधे लगाकर मिसाल पेश है। इसके लिए ही उन्हें कई राज्य स्तरीय और राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुके हैैं।
पेड़ पर आरी चलते देख मन हुआ विचलित, तब से लिया पेड लगाने का संकल्प
कोरांव के पटेहरी गांव निवासी जगदीश प्रसाद सिंह उर्फ जेपी सिंह बचपन में पिता सेवाराम सिंह के साथ इलाज के लिए जा रहे थे। रास्ते में गूलर के पेड़ पर चल रही आरी से निकल रहे पानी के बारे में पिता से पूछा। पिता ने बताया कि पेड़ कटने पर रो रहा है। तभी जेपी का मन विचलित हो उठा और उन्होंने पेड़ लगाने व बचाने का संकल्प ले लिया। फिर पांच अगस्त 1980 को अपने जन्मदिन पर उन्होंने आम, नीम, कटहल के 10 पौधे लगाए। तब वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय से विधि स्नातक की पढ़ाई कर रहे थे। कुछ वर्ष बाद पौधे फल देने लगे। उत्साह बढ़ा तो कुछ वर्ष बाद से हर साल वह दो-चार पौधा रोपने लगे। मौका जन्मदिन ही होता था। वर्ष 2006 से जब वह ठीक से सेटेल्ड हुए तो संकल्प को पूरी तरह से जमीन पर उतारना शुरू किए। कोरांव में मध्य प्रदेश की सीमा से सटी पथरीली जमीन खरीदी। फिर हर साल पांच से 10 हजार पौधे लगाना शुरू किए।
अब तक लगा चुके हें 82 हजार पौधे
अब तक वह 82 हजार पौधे लगवा चुके हैैं, जिनमें लगभग 81 हजार पौधे बचे हैैं। इसमें आम, अमरूद, आंवला, बेल, बैर, नींबू, करौंदा, जामुन जैसे फलदार के साथ ही शीशम, सागौन, लिप्टस के पौधे शामिल हैैं। पौधरोपण में उन्हें सरकार की ओर से भी मदद मिली। उद्यान विभाग, वन विभाग, कृषि विभाग, मनरेगा ने भी मदद की। जिला उद्यान अधिकारी प्रतिभा पांडेय ने बताया कि जिले में व्यक्तिगत पौधे लगाने में जेपी सबसे आगे हैैं। इसके लिए उन्हें सरकार की ओर से सम्मानित किया जा चुका है।
मेरा पेड़ मेरी शान का दिया नारा
ग्रीन मैन जेपी सक्रिय राजनीति में भी रहे। काफी पहले ब्लॉक प्रमुख थे। अब वह पूरी तरह से पर्यावरण प्रेमी बन चुके हैैं। इलाके में उन्होंने मेरा पेड़ मेरी शान का नारा दिया है। अभियान के तहत उन्होंने 12 गांवों के चार सौ से ज्यादा लोगों से पौधे लगवाए। घर-घर जाकर लोगों को पौधे लगाने के लिए प्रेरित करते हैैं। जेपी के करीबी लालचंद्र और जिरावल ने भी 10-10 हजार पौधे रोपे। अन्य कई लोगों ने पांच सौ से एक हजार तो बहुत सारे लोगों ने सौ से दो सौ पौधे लगाए।
शादी में पौधे का गिफ्ट
किसी के यहां शादी हो तो जेपी उपहार में पौधा देते हैं। किसी के यहां बच्चे का जन्मदिन हो तो उसे पौधा देकर बच्चे के नाम से रोपने को कहते हैं। यही नहीं अपने स्वजनों के नाम भी उन्होंने पेड़ों को दे दिया है, जिससे परिवार के लोगों का लगाव उन पौधों से हमेशा बना रहे।
इस साल 20 हजार पौधे का संकल्प
जेपी ने बताया कि वह इस साल 20 हजार खुद के द्वारा और 50 हजार पौधे अन्य लोगों के द्वारा लगवाने का संकल्प ले चुके हैैं। इसके लिए गड्ढा खोदाई का काम तेजी से चल रहा है। बताया कि आसपास के गांवों में लोग खुद ही गड्ढा खोद रहे हैैं और उसमें देशी खाद डालकर पौधे रोपने की तैयारी में जुट गए हैैं।
युवाओं के लिए पेड़ों की विरासत तैयार कर रहे लालजी
सैदाबाद के डुमडुमा गांव के रहने वाले लालजी सिंह बच्चों के लिए पेड़ों का बगीचा बना रहे हैं। उन्होंने आठ साल में गंगा किनारे सात बीघे में लगभग पांच सौ पेड़ तैयार कर दिए हैं। गांधीजी के नाम से बुलाए जाने वाले लालजी ने आठ साल पहले अपने खेतों में पेड़ लगाना शुरू किया। जो अब हरियाली में परिवर्तित हो गए हैं। लालजी यादव बताते हैं कि वह बेटे और बेटी की जिम्मेदारियों से मुक्त हो गए हैं। अब उनका एक लक्ष्य है। पर्यावरण को संरक्षित करने का। गोष्ठी और कार्यक्रमों में लोगों को इसके लिए प्रेरित करते हैं। पूर्वांचल और मध्य प्रदेश में कार्यक्रम को लेकर आते-जाते हैं। अब युवाओं को प्रेरित करने पर उनका जोर है।
अपनी मां की याद में लगाना शुरू किया पौधा
मेजा के भुई पारा गांव निवासी ओमप्रकाश मिश्र की मां का निधन 1996 में हो गया था। मां के निधन के बाद हर साल उनकी याद में पौधा लगाने का सिलसिला शुरू किया जो अब तक जारी है। मां की याद में वह अपनी युवा मंडली की मदद से अब तक करीब 2000 पौधे लगवा चुके हैं जिसमें से करीब पांच सौ पेड़ तैयार हो गए हैं। उन्होंने बताया कि पौधे लगवाने के साथ उसके रखरखाव की भी जिम्मेदारी उनकी टोली संभालती है। संस्थान की ओर से संगोष्ठी, जन जागरूकता और सेमिनार के कार्यक्रम भी जगह-जगह आयोजित किए जाते हैं। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए जीवन भर काम करने का संकल्प लिया और अगले एक साल में दो सौ से अधिक पौधे लगाएंगे।
आओ मिलकर बचाएं जल, जंगल और जमीन
दिनोंदिन बढ़ता पर्यावरण प्रदूषण मानव जीवन के लिए खतरनाक होता जा रहा है। यही हाल रहा तो इंसानी जीवन पर भारी संकट आ जाएगा। इसलिए इससे पहले हम सचेत हो जाएं। पांच जून को पर्यावरण दिवस हमें सचेत कर रहा है। इस बार हम संकल्प लें कि पर्यावरण को बचाने के लिए अपने स्तर से पहल करेंगे। इसके लिए हर किसी को आगे आना होगा। हर व्यक्ति के थोड़े-थोड़े प्रयास से ही जल, जंगल और जमीन को बचाया जा सकेगा। संकल्प लें कि हवा और पानी को प्रदूषित नहीं करेंगे। वहीं वातावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए अधिक से अधिक पौधे लगाएंगे।