इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर समेत नौ जमातियों को मिली जमानत Prayagraj News
शिवकुटी थाने में दर्ज महामारी एक्ट के मुकदमे में भी उन्हें अदालत से जमानत मिल चुकी है। ऐसे में माना जा रहा है कि अब प्रोफेसर सहित अन्य आरोपित जल्द ही जेल से बाहर आ सकते हैं।
प्रयागराज,जेएनएन। निजामुद्दीन में तबलीगी जमात में शामिल होने वाले इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) के प्रोफेसर मो. शाहिद समेत नौ जमातियों को जमानत मिल गई। मंगलवार को प्रोफेसर सहित अन्य की जमानत अर्जी पर अपर जिला जज वीर भद्र ने सुनवाई की। बचाव और अभियोजन पक्ष के तर्क सुनने के बाद कोर्ट ने जमानत अर्जी मंजूर की। इसमें कोई विदेशी जमाती शामिल नहीं है।
शिवकुटी थाने में दर्ज मुकदमें में पहले ही मिल चुकी है जमानत
विदेशी जमातियों को पनाह दिलवाने और मदद के आरोप में शाहगंज पुलिस ने राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर मो. शाहिद को आरोपित बनाया है। विदेशी अधिनियम उल्लंघन और महामारी एक्ट के मुकदमे में उनका नाम विवेचना के दौरान प्रकाश में आया था। इसके बाद पुलिस ने प्रोफेसर को शाहगंज थाने में कायम मुकदमे में अभियुक्त बनाया। फिलहाल मंगलवार को इसी मुकदमे में उन्हें और आठ अन्य जमानत मिल गई। इससे पहले शिवकुटी थाने में दर्ज महामारी एक्ट के मुकदमे में भी उन्हें अदालत से जमानत मिल चुकी है। ऐसे में माना जा रहा है कि अब प्रोफेसर सहित अन्य आरोपित जल्द ही नैनी जेल से बाहर आ सकते हैं।
21 अप्रैल को प्रोफेसर, विदेशी जमाती समेत 30 को पुलिस ने भेजा था जेल
शिवकुटी के रसूलाबाद इलाके में रहने वाले प्रोफेसर शाहिद मार्च में तबलीगी जमात में शामिल हुए थे। वहां से आने के आने के बाद उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस को नहीं दी। जांच में जब पुलिस को इस बारे में पता चला तो शिवकुटी थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई। इसके बाद छानबीन में यह भी साफ हुआ कि शाहगंज के अब्दुल्ला मस्जिद में सात इंडोनेशियाई जमातियों को प्रोफेसर ने ही इमाम के जरिए पनाह दिलवाई थी। वहीं, करेली के हेरा मस्जिद में भी थाईलैंड के नौ जमाती ठहरे हुए थे। पुलिस ने 21 अप्रैल को प्रोफेसर और विदेशी जमाती समेत 30 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।