भाषायी बंदिशें तोड़ दर्शकों के दिलों में उतरी 'अंदरकहिनी'
फोटो -20 पीआरवाई 117 जासं, इलाहाबाद : कहते हैं अभिनय वही जो भावों के माध्यम से दर्शक
फोटो -20 पीआरवाई 117
जासं, इलाहाबाद : कहते हैं अभिनय वही जो भावों के माध्यम से दर्शकों के दिलों में उतर जाए। जब अभिनय में दम होता है तो भाषायी बंदिशें भी टूट जाती हें शनिवार को पैलेस सिनेमा में भी कुछ ऐसा ही हुआ। करीब पौने दो बजे से दिखाई गई बंगाली फिल्म अंदरकहिनी ने दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ी। भले ही बंगाली सभी को समझ में नहीं आ रही थी पर कलाकारों का गंभीर अभिनय दर्शकों के दिल को छू गया। यह फिल्म चार परिवारों के पारिवारिक संबंधों पर आधारित है।
कई बार पारिवारिक संबंधों में ऐसा कुछ होता है जिसे समाज में बाहर आना चाहिए पर परंपराएं व वर्जनाएं उनका गला घोंट देती हैं। बंगाली फीचर फिल्म ऐसे ही चार पारिवारिक संबंधों के ताने बाने की अंदर की कहानी को बयां करती है।
फिल्म के निर्देशक अर्नब के मिद्दा ने बताया कि फिल्म का टाइटिल अंदरकहिनी दो शब्दों से मिलकर बना है। अंदर का मतलब भीतर से है और कहिनी का मतलब कहानी से है। बंगाली में कहानी को कहिनी कहते हैं। फिल्म एक लड़की व उसके बाप, एक लड़की व उसके बड़े भाई, लड़की व लड़की, लड़की व उसके पति के बीच पारिवारिक संबंधों के ऊपर है। 90 मिनट की इस फीचर फिल्म में दिखाया गया है कि पहले छुपाई जाने वाली बातें किस तरह से वर्जनाएं व परंपराएं तोड़कर घर की चहारदीवारी से बाहर आती हैं। यह फिल्म इस वर्ष के अंत तक रिलीज होगी।
अर्नव ने इस फिल्म के साथ डेबू किया है। यही कारण है कि वह इसकी स्क्रीनिंग को लेकर काफी उत्साहित हैं। अब तक यह फिल्म 15 फिल्म फेस्टिवल में दिखाई जा चुकी है। इसे हैदराबाद बंगाली फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट एक्ट्रेस अवार्ड से नवाजा गया है। इसके अलावा बेस्ट म्यूजिक अवार्ड, बेस्ट मेकअप अवार्ड से नवाजा जा चुका है। दादा साहब फाल्के फिल्म फेस्टिवल 2018 में बेस्ट फिल्म बेस्ट एक्ट्रेस का अवार्ड मिल चुका है। इसके अलावा बुद्धा इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट डायरेक्टर अवार्ड से नवाजा गया है।